Mock drill क्या होता है एयर रेड सायरन, कैसे काम करता है रडार? जानिए
हवाई हमले का लाल सिग्नल दो मिनिट तक ऊंची-नीची आवाज में सायरन तथा खतरा टलने के बाद दो मिनिट सीधा सायरन

Mock drill नागरिक सुरक्षा योजनाओं के अभ्यास (Mock drill) के संबंध में प्रदेश के नागरिकों से अपील जारी की गई है अभ्यास के दौरान इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें-
इस अभ्यास से किसी भी नागरिक को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है
सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे अभ्यास में सम्मिलित होकर अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करें तथा प्रशासन द्वारा सायरन के माध्यम से सूचना उपरान्त उन्हें स्वयं एवं परिजनों को सुरक्षित स्थान पर रखने का अभ्यास करना है
हवाई हमले का लाल सिग्नल दो मिनिट तक ऊंची-नीची आवाज में सायरन का बजना होता है तथा खतरा टलने के बाद दो मिनिट तक सायरन बजाकर सूचना दी जाती है
ब्लैक आउट के संबंध में सामान्यजन से अपेक्षा है कि घर/कार्यालय के पर्दों एवं लाईट को बंद करें तथा पुनः सायरन बजने पर लाईट जला लें
भीड़-भाड़ न बढायें, अफवाह न फैलायें एवं यातायात / पुलिस / एम्बुलेंस सुविधाओं को सुचारु रुप से चलते रहने में सहयोग करें एवं अभ्यास के दौरान प्रशासन के निर्देशों का पालन कर अभ्यास को सफल बनाएं।
ऐसे पता चलता है एयरक्राफ्ट का रूट
हर सिविल और मिलिट्री एयरक्राफ्ट को ADC (एयर डिफेंस क्लियरेंस) नंबर और FIC (फ्लाइट इंफॉर्मेशन क्लियरनेंस) नंबर मिलता है। ADC एयरफोर्स Aजारी करती है और FIC सिविल एजेंसी जारी करती है। हर एयरक्राफ्ट में फ्लाइट प्लान फीड होता है। जिससे उसके रूट का पता चलता है कि वह कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है। ये सारे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को दिखता रहता है। जहां-जहां से एयरक्राफ्ट गुजर रहा होता है ये जानकारी वहां के नजदीकी एयर डिफेंस यूनिट या नोड को मिलती रहती है।
बता दें कि हर एयरक्राफ्ट में IFF कोड होता है। यानी आइडेंटिफाई फ्रेंड ऑर फो (दोस्त या दुश्मन)। ये ट्रांसपॉन्डर होता है और हर पायलट को यह ऑन रखना होता है। अगर कोई एयरक्राफ्ट रडार में दिख रहा है और वह इस पैरामीटर में नहीं है तो इसका मतलब है कि वह संभावित खतरा है।
दुश्मन के एयरक्राफ्ट का कैसे चलता है पता?
वैसे जब भी कोई फाइटर एयरक्राफ्ट दुश्मन के इलाके में ऑपरेशनल उड़ान भरेगा तो वह अपना IFF ऑन नहीं करेगा। मान लीजिए बॉर्डर पार से दुश्मन का कोई फाइटर एयरक्राफ्ट अगर हमारी तरफ आ रहा है तो इंडियन एयरफोर्स के मल्टीलेयर सिस्टम इसे पकड़ेंगे। एयरस्पेस हर वक्त मॉनिटर होता है। अलग अलग तरह के रडार और दूसरे सिस्टम हैं, जिससे ये पता चलता है कि कौन सा एयरक्राफ्ट कहां से आ रहा है।
बता दें कि सारे रडार की फीड इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम में आती है। साथ ही मोबाइल ऑबजर्वेशन पोस्ट में लगे छोटे रडार और जो जानकारी मैनुअल फीड की जाती है। अगर कोई संभावित खतरा रडार में दिखाई दिया तो उसके संभावित डायरेक्शन का भी अंदाजा लग जाता है। यह अंदाजा हो जाता है कि वे किन एरिया की तरफ जा सकता है। ऐसा होने पर तुरंत एयर डिफेंस नोड से सिविल अथॉरिटी को वॉर्निंग चली जाएगी। सिविल अथॉरिटी तुरंत उन इलाके में सायरन बजाकर लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की और सारे प्रोटोकॉल फॉलो करने की वॉर्निंग दे देगी।