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What A Adolf Hitler Eva Braun love story: हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना

हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना

What A Adolf Hitler Eva Braun love story: हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना, अडोल्फ हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को बर्लिन के फ़्यूहररबंकर में आत्महत्या की थी। उनके द्वारा उपयोग की गई पिस्तौल, संभवतः एक वाल्थर PPK 7.65 मिमी, आज तक नहीं मिली है। ऐसा माना जाता है कि यह पिस्तौल सोवियत सैनिकों द्वारा युद्ध की ट्रॉफी के रूप में ले ली गई थी या फिर बंकर से निकलने वाले अंतिम लोगों में से किसी ने इसे छिपा दिया था

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हिटलर ने आत्महत्या करने का निर्णय कई कारणों से लिया। बर्लिन सोवियत सेना द्वारा घिर चुका था, स्पष्ट कर दिया था कि वह आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी अंतिम वसीयत में लिखा कि वह दुश्मनों के हाथों में पड़ने की बजाय मृत्यु को चुनेंगे

 रूस की खुफिया सेवा ने हिटलर की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज़ सार्वजनिक किए हैं, जिनमें उनके अंतिम दिनों के विवरण, दंत अवशेषों की पुष्टि, और उनके सहयोगियों की गवाही शामिल है।

हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना

हालांकि कुछ षड्यंत्र सिद्धांतों में दावा किया गया है कि हिटलर दक्षिण अमेरिका भाग गए थे, लेकिन इन दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है, और अधिकांश इतिहासकार इस बात से सहमत हैं कि हिटलर ने बंकर में आत्महत्या की थी

80 साल पहले 30 अप्रैल को एक ऐसी घटना हुई जो आज भी इतिहास के पन्नों में अलग-अलग रूप में दर्ज है. उस घटना को लिखने वालों ने अपने-अपने नजरिए से देखा और लिख दिया. साल 1945 में इस दिन एक तानाशाह ने खुदकुशी कर ली और दूसरा विश्वयुद्ध लगभग समाप्त हो गया. केवल औपचारिकता बाकी रह गई थी. कोई उसे बहादुर कहता तो कोई बेहद महात्वाकांक्षी, कोई बुजदिल तो कोई कुशल रणनीतिकार. हम बात कर रहे हैं जर्मनी के चांसलर रहे एडोल्फ़ हिटलर की, जो दुनिया जीतने निकला था.

हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना

जैसे हिटलर को लगा कि अब वह घिर गया है तो एक दिन पूर्व शादी करके लाई पत्नी को सायनाइड का कैप्सूल खिलाकर मार दिया और खुद भी सायनाइड खा लिया. अपनी मौत सुनिश्चित करने के लिए उसने गोली भी मार ली. कहीं लिखा मिलता है कि हिटलर ने सिर में गोली मारी थी तो कहीं दर्ज है कि सायनाइड खाने के बाद उसने पिस्टल की नाल मुंह में रखकर फायर कर दिया.

आइए हिटलर की डेथ एनिवर्सरी पर यह जानने का प्रयास करते हैं कि उसकी वह पिस्टल आखिर कहां गई, जिससे खुद को गोली मारी थी. अगर गोली मारने का फैसला कर लिया था तो साइनाइड क्यों खाया?

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इसलिए सायनाइड खाने के बाद खुद को मार ली गोली

दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था. दुनिया जीतने का संकल्प लेकर युद्ध के मैदान में उतरे हिटलर ने खुद को घिरा हुआ पाया. उस समय वह बर्लिन में बने सुरक्षित बंकर में रहता था. प्रमाण ऐसे भी मिलते हैं कि उसने अपनी मौत की तारीख भी तय कर दी थी. तभी तो एक दिन पहले अपनी प्रेमिका इवा ब्राउन से शादी की. पार्टी हुई जिसमें चुनिंदा लोग शिरकत कर सके थे. उसके बाद जब दोनों इवा-हिटलर अकेले हुए तो मौत का तांडव खुद से ही रच दिया. विदाई भोजन दोनों ने साथ किया. फिर हिटलर ने इवा को सायनाइड का कैप्सूल खाने को कहा. उसकी तत्काल मौत हो गई. तुरंत बाद हिटलर ने खुद सायनाइड कैप्सूल खाया और गोली भी मार ली.

हिटलर की सुसाइड पिस्टल अब कहां है? जानिए उसने क्यों बनाई थी खुद की मौत की पूरी योजना

इतिहास में दर्ज है कि हिटलर ने सिर में गोली मारी थी तो कहीं ऐसा भी लिखा मिलता है कि उसने सायनाइड खाने के बाद सीधे मुंह में गोली मार ली थी. असल में वह अपनी मौत सुनिश्चित करना चाहता था. हिटलर बिल्कुल नहीं चाहता था कि उसे सोवियत सेना जिंदा पकड़ सके. उसने इटली के तानाशाह मुसोलिनी की दुर्दशा देख रखी थी कि कैसे पब्लिक ने पीट-पीट कर मार डाला और फिर मारकर लटका दिया.

हत्यारिन पिस्टल कहां, 80 साल बाद भी यह रहस्य

जर्मन सेना में सबसे शानदार परफॉर्मेंस देने वाली पिस्टल Walther PPK 7.65 MM थी. हिटलर अपने पास हमेशा उसे रखता था. इसी पिस्टल से गोली चलकर हिटलर ने खुद की मौत सुनिश्चित की थी. तब से आज तक यह पिस्टल जांच का विषय बनी हुई है. क्योंकि वह बरामद नहीं हुई. कहां गई किसी को नहीं पता. सोवियत सेना ने जब हिटलर के बंकर पर कब्जा कर तलाशी ली तो हिटलर का कंकाल मिला. नाजी गार्ड्स ने बंकर से निकालकर पीछे बाग में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. ऐसा ही निर्देश हिटलर ने सिपाहियों को दे रखा था. वह नहीं चाहता था कि सोवियत सेना के लोग उसके शरीर की दुर्दशा करें.

कई जगह लिखा मिलता है कि पिस्टल सोवियत खुफिया एजेंसी केबीजी के पास चली गई. कुछ अन्य रिपोर्ट्स से पता चलता है कि हिटलर से जुड़े हथियार भी नाजी गार्ड्स ने हिटलर के साथ ही जला दिए थे. इन बीते 80 वर्षों में हिटलर की वह पिस्टल किसी भी देश ने न तो दिखाई न ही सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया. इस तरह यह रहस्य अभी भी बरकरार है कि हिटलर की वह पिस्टल आखिर कहां है?

मौत की खबर जर्मनी के लोगों को एक मई की रात पता चली

हिटलर ने अपने मरने से पहले कई चीजें तय कर दी थी. मसलन, उसका शव किसी भी सूरत में दुश्मन के हाथ न लगे. मौत की खबर एक मई की रात 10.26 बजे इसलिए दी गई जिससे उसका अंतिम संस्कार आदि हो जाए. काफी लोग सो रहे होंगे. खबर में यह नहीं बताया गया कि हिटलर ने खुदकुशी की है बल्कि यह कहा गया कि वे सोवियत सेना से लड़ते हुए मारे गए हैं. खतरा यह भी था कि मौत की खबर पाकर अचानक सोवियत सेना बंकर तक घुस जाती तो शव के साथ न जाने क्या करती इसलिए हिटलर की अंतिम इच्छा के मुताबिक नाजी गार्ड्स ने वही किया जो हिटलर ने चाहा था.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शव पूरी तरह से जला भी नहीं था, कि साथियों ने सोवियत सेना से संपर्क साधने के प्रयास शुरू कर दिए. जर्मनी के प्रतिनिधि के तौर पर जनरल क्रेब्स सोवियत सेना के जनरल मार्शल जुकोव से मिलने गए. जनरल क्रेब्स पहले मास्को में काम कर चुके थे और रूसी भाषा जानते थे. 30 अप्रैल की रात 10 बजे क्रेब्स सफेद झण्डा लेकर सोवियत सेना की ओर बढ़े और सुबह छह बजे लौटकर आए. सोवियत सेना ने शर्त रख दी थी कि बिना शर्त सब आत्म समर्पण कर दें और इसकी जानकारी एक मई को चार बजे तक हर हाल में दे दें. इसके बाद जर्मन सेना में हिटलर के करीबियों में भी हड़कंप मच गया. सब जान बचाने की फिराक में लग गए.

हिटलर के करीबी गोएबेल्स ने पूरे परिवार के साथ जान दे दी

हिटलर की खुदकुशी के बाद उसके करीबी गोएबेल्स ने भी जान देने का फैसला कर लिया था. उनकी पत्नी मागदा गोएबेल्स ने पहले पति से पैदा हुए बेटे को पत्र के माध्यम से बात दिया था कि वह चार बच्चों और पति के साथ खुदकुशी करने जा रही है. एक मई की शाम डॉक्टर ने छोटे-छोटे छह बच्चों को मार्फीन का इंजेक्शन दिया. सब सो गए तो इनके मुंह में सायनाइड की बूंदें डाली गईं. उसके बाद गोएबेल्स दम्पत्ति ने भी सायनाइड लेकर अपनी जान दे दी. फिर जर्मन सैनिकों ने दोनों शवों पर दो-दो गोलियां मारीं और शव जल दिए गए.

बर्लिन में खुदकुशी में हुआ तेज इजाफा

हिटलर की मौत का सच सामने आने के बाद तो जैसे खुदकुशी करने वालों की संख्या में बहुत तेज इजाफा होता हुआ देखा गया था. बीबीसी ने सरकारी रिपोर्ट्स एवं कुछ किताबों के हवाले से लिखा है कि हिटलर की मौत वाले अप्रैल महीने में बर्लिन में लगभग चार हजार लोगों ने खुदकुशी की थी. यह संख्या इसलिए ज्यादा हुई क्योंकि गोएब्स की तरह ज्यादातर अभिभावकों ने अपने बच्चों को सायनाइड देकर पहले मारा फिर खुद खाए और जान दे दी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इन खुदकुशियों की असली वजह क्या थी? हिटलर से नफरत या उससे प्यार? या फिर विश्वयुद्ध की तबाही वाला मंजर देखकर लोग खुदकुशी कर रहे थे.

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