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Sehat: Conjunctiva के साथ अब कान में संक्रमण के बढ़े मामले, कानों में संक्रमण होने से कैसे बचें

Sehat: Conjunctiva के साथ अब कान में संक्रमण के बढ़े मामले, कानों में संक्रमण होने से कैसे बचें अस्पतालों में कंजंक्टिवाइटिस के रोगियों के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। रोगियों को आंखों में लालिमा, जलन, चुभन और दर्द की समस्या हो रही है। डॉक्टर कहते हैं, दिल्ली में इन दिनों संक्रामक बीमारियों का दौर चल रहा है, मच्छरजनित रोगों के साथ आई फ्लू के जारी संक्रमण के बीच इन दिनों अस्पतालों में कान में संक्रमण की शिकायत के साथ भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि मानसून के दिनों में इस तरह के संक्रमण की समस्या काफी सामान्य है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कान में संक्रमण की समस्या के मामले इन दिनों अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। मानसून की उच्च आर्द्रता और नम वातावरण के कारण फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, कानों में होने वाले संक्रमण की स्थिति काफी असहज करने वाली हो सकती है, अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो ये काफी असुविधाजनक स्थितियों का कारण हो सकती है।

मानसून में होने वाला कानों का संक्रमण

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कानों में संक्रमण की स्थिति नम आर्द्रता वाले मौसम में काफी आम है। यह संक्रमण बैक्टीरियल या फंगल दोनों प्रकार का हो सकता है। संक्रमण, कान के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। बरसात के मौसम में आर्द्रता के स्तर में वृद्धि के कारण कानों में बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का जोखिम काफी अधिक माना जाता है।

संक्रमण के अन्य कारण सर्दी या फ्लू और एलर्जी भी हैं। इन स्थितियों के कारण गले के साथ-साथ नाक और मध्य कान के हिस्से में जमाव और सूजन हो सकती है। जब कान में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, तो यह भी कान में संक्रमण का कारण बनता है।

कैसे होते हैं इसके लक्षण?

 

कानों में होने वाले संक्रमण की समस्या और इसकी गंभीरता के आधार पर रोगियों को इसके अलग-अलग तरह के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। मुख्यरूप से संक्रमित कान में तेज दर्द होने, कान से स्राव के साथ बुखार और तेज सिरदर्द की समस्या होने काफी सामान्य है। डॉक्टर कहते हैं, कानों में संक्रमण की स्थिति के कारण कुछ लोगों को सुनाई देने में कमी होने और चक्कर आने की भी समस्या होने का जोखिम रहता है। चूंकि कान की ज्यादातार नसें चेहरे के हिस्सों से जुड़े होते हैं इसलिए चेहरे और सिर में तेज दर्द होने की समस्या भी संक्रमण के साथ काफी सामान्य हैं।

कानों में संक्रमण होने से कैसे बचें?

 

मानसून के दौरान कानों में होने वाले संक्रमण की समस्या से बचाव के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी हो जाता है। कानों को सूखा रखना इसके लिए बहुत आवश्यक है। कानों में नमी की स्थिति के कारण संक्रमण होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। बरसात में भीगने, नहाने या फिर तैराकी के बाद कानों को अच्छी तरह से सुखाना सुनिश्चित करें। कानों को तौलिए से अच्छी तरह से साफ करना और सुखाना सुनिश्चित करें।

इन बातों का भी रखें ध्यान

कानों के बढ़ते संक्रमण की समस्या से बचाव के लिए कुछ और भी बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
ईयरबड्स का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतें, लंबे समय तक रबर वाले एयरबड्स के प्रयोग से बचना चाहिए।
नमक-पानी के गरारे करें। इससे गले में संक्रमण नहीं होगा और कानों में संक्रमण की समस्या भी कम होगी।
अपना कान साफ रखें, हालांकि, कान की सफाई के लिए आपको कुछ भी अंदर नहीं डालना चाहिए क्योंकि इससे कान के पर्दों को चोट लग सकती है।ईयरफोन और ब्लूटूथ डिवाइस को कीटाणुनाशक से साफ करें। यदि आप कानों में किसी प्रकार के दर्द या किसी भी तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो इस बारे में किसी डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के पर ही किसी दवा का प्रयोग करें, खुद से ही किसी दवा को कानों में डालने से क्षति होने का खतरा हो सकता है।

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