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समोसा, जलेबी पर अब लगेगी सिगरेट जैसी चेतावनी, लोकप्रिय स्नैक्स को सरकार कह रही गुड बाय

समोसा, जलेबी पर अब लगेगी सिगरेट जैसी चेतावनी, लोकप्रिय स्नैक्स को सरकार कह रही गुड बाय

समोसा, जलेबी पर अब लगेगी सिगरेट जैसी चेतावनी, लोकप्रिय स्नैक्स को सरकार कह रही गुड बाय।  जिस तरह सिगरेट और तंबाकू को लेकर चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं, उसी तरह अब नागपुर में समोसा, जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।  इस पहल का उद्देश्य लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना हैं।

समोसा, जलेबी पर अब लगेगी सिगरेट जैसी चेतावनी, लोकप्रिय स्नैक्स को सरकार कह रही गुड बाय

अब लगता है कि‍ रोज सुबह समोसा की जगह प्‍लेट में कैप्‍सूल और गोली खाना पडेगी। समोसा, जलेबी और चाय-बिस्कुट को देखकर हर किसी के मुंह में पानी आना स्वाभाविक है. लेकिन जरा सोचिए जब आपको पता चले कि इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, तो क्या आप इसका सेवन करेंगे? इसी को ध्यान में रखते हुए नागपुर में समोसे-जलेबी वाली दुकानों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को पता चले की आप जो खा रहे है उसमें कितनी मात्रा में शुगर और फैट है.

दरअसल, हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के नाश्ते के सेवन से शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहा है. इसलिए सुक्षाव दिया गया कि जिस तरह तंबाकू और सिगरेट के सेवन को लेकर चेतावनी दी जाती है, उसी तरह अब समोसा-जलेबी को लेकर भी चेतावनी देनी चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए नागपुर में हर लजीज नाश्ते के पास एक बोर्ड लगा होगा, जिसमें लिखा होगा कि ‘समझदारी से खाएं, आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा.’

सरकारी संस्थानों को चेतावनी के लिए पोस्टर लगाने के लिए दिए आदेश, रोजमर्रा के नाश्ते में कितनी मात्रा में फैट और चीनी होती

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स नागपुर समेत सभी केंद्रीय संस्थानों को आदेश दिया है कि वह अपने संस्थान में ऐसे पोस्टर लगाए जो लोगों को स्पष्ट रूप से बताए कि रोजमर्रा के नाश्ते में कितनी मात्रा में फैट और चीनी होती है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है. मंत्रालय द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य यह है कि लोगों को उनके द्वारा प्रतिदिन खाएं जाने वाले नाश्ते में चीनी और तेल की मात्रा को लेकर सचेत किया जा सके. एम्स नागपुर के अधिकारियों ने बताया कि लड्डू, वड़ा पाव, पकौड़ा इन सभी स्नैक्स की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कैफेटेरिया और सार्वजनिक क्षेत्रों में जल्द ही ये चेतावनी वाले बोर्ड लगा दिए जाएंगे. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है इन स्नैक्स के जरिए खाए गए चीनी और ट्रांस फैट तंबाकू जितने खतरनाक हो सकते है. उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि वह क्या खा रहे हैं.

रसगुल्ला खा रहे हो, उसमें 6 चम्मच चीनी हो सकती है, खाने से पहले सोचेंगे दो बार

एक मधुमेह रोग विशेषज्ञ ने कहा कि सरकार खाने पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है, बस लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने का काम कर रही है. उन्होंने लोगों को समझाते हुए कहा कि अगर आप लोगों को पता चल जाएं कि आप जो रसगुल्ला खा रहे हो, उसमें 6 चम्मच चीनी हो सकती है, तो आप उसे खाने के पहले दो बार सोचेंगे. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति देखते हुए सरकार को लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि आज के समय अधिकतर बीमारियों का प्रमुख कारण खान-पान ही है. विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि बीमारियों गलत खान-पान से ही जुड़ी हैं.

 

मोटापे को लेकर सरकार ने की टिप्पणी

सरकार ने मोटापा को लेकर लोगों को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि 2050 तक 40 करोड़ से ज्यादा लोग वजन और मोटापे के शिकार होंगे. उन्होंने कहा कि मोटापे के मामले में अमेरिका के बाद दूसरा नंबर हमारा ही होगा. उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो हर दस व्यक्ति में दो व्यक्ति आपको ऐसे मिलेंगे जो मोटापे की वजह से परेशान होंगे. उन्होंने कहा इतना ही नहीं इसके अलावा आज के खान-पान की वजह से ही कम उम्र के बच्चों भी मोटापे का शिकार हो रहे हैं.

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