मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए अब एनटीईटी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। यह निर्णय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा लिया गया है।
इस निर्णय से नए शिक्षकों की भर्ती में बदलाव होगा, लेकिन पुराने फैकल्टी सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्हें एनटीईटी परीक्षा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी।
आयुष कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (एनटीईटी) अनिवार्य होगी। यह निर्णय भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने लिया है। परीक्षा पास करने वाले डॉक्टरों को टीचर्स कोड मिलेगा, जो उन्हें फैकल्टी नियुक्तियों के लिए पात्र बनाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है।
देशभर के आयुष कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए अगले सत्र से पात्रता परीक्षा (एनटीईटी) अनिवार्य होगी। इसी वर्ष अप्रैल में भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। पहले माना जा रहा था कि इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है, पर अब एनसीआइएसएम ने 24 सितंबर से डॉक्टरों का पंजीयन प्रारंभ कर दिया है।
डॉक्टरों को मिलेगा टीचर्स कोड
देशभर में आयुर्वेद के 494 सहित आयुष के कुल 750 कॉलेज हैं। आयुष कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र सरकार यह कदम उठाने जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (एनटीईटी) पास करने की अनिवार्यता कॉलेजों में पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए नहीं होगी।
यह परीक्षा पास करने वाले डॉक्टरों को ही टीचर्स कोड मिलेगा। इस कोड के आधार पर ही वह आयुष कॉलेजों में फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। एनटीईटी के लिए 14 अक्टूबर तक आवेदन किया जा सकेगा।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने कहा कि देशभर के पांच हजार आयुष पीजी डिग्रीधारी डाक्टरों के इस परीक्षा में शामिल होने की संभावना है। यह व्यवस्था लागू होने आयुष शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।