इसरो का प्रोबा-3 मिशन: दुनिया की पहली ‘डबल-सैटेलाइट’ मिशन
इसरो का प्रोबा-3 मिशन: दुनिया की पहली 'डबल-सैटेलाइट' मिशन

इसरो का प्रोबा-3 मिशन: दुनिया की पहली ‘डबल-सैटेलाइट’ मिशन। इसरो के एक अधिकारी ने बताया, ‘25 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार अपराह्न 3.08 बजे शुरू हुई और अभी (प्रक्षेपण के लिए) तैयारी का काम जारी है। न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक शाखा है जो ग्राहक यानों को प्रक्षेपण करेगा और इसने अपने नवीनतम मिशन के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से ऑर्डर हासिल किये हैं।
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वाणिज्यिक मिशन, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती मंगलवार को यहां शुरू हो गई। यह प्रक्षेपण चार दिसंबर को होना है। बुधवार का प्रक्षेपण एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन होगा। न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक शाखा है जो ग्राहक यानों को प्रक्षेपण करेगा और इसने अपने नवीनतम मिशन के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से ऑर्डर हासिल किये हैं।
इसरो का प्रोबा-3 मिशन: दुनिया की पहली ‘डबल-सैटेलाइट’ मिशन
क्या है प्रोबा-3
इसरो के एक अधिकारी ने बताया, ‘25 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार अपराह्न 3.08 बजे शुरू हुई और अभी (प्रक्षेपण के लिए) तैयारी का काम जारी है। प्रोबा-3 (प्रोजेक्ट फॉर ऑनबोर्ड आटोनॉमी) को दुनिया की पहली पहल बताया जा रहा है जिसमें एक ‘डबल-सैटेलाइट’ शामिल है, जिसमें दो अंतरिक्ष यान सूर्य के बाहरी वायुमंडल के अध्ययन के लिए एक यान की तरह उड़ान भरेंगे।
इसरो ने कहा कि ‘प्रोबास’ एक लातिन शब्द है, जिसका अर्थ है ‘चलो प्रयास करें’। इसरो ने कहा कि मिशन का उद्देश्य सटीक संरचना उड़ान का प्रदर्शन करना है और दो अंतरिक्ष यान – ‘कोरोनाग्राफ’ और ‘ऑकुल्टर’ को एकसाथ प्रक्षेपित किया जाएगा। बेंगलुरू मुख्यालय वाला इसरो इस मिशन के लिए अपने समर्पित वर्कहॉर्स ‘ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान’ (पीएसएलवी) का उपयोग कर रहा है।
पीएसएलपी की यह 61वीं उड़ान और पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण की 26वीं उड़ान होगी और इसे 4 दिसंबर को शाम 4.08 बजे इस स्पेसपोर्ट के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाना है।
44.5 मीटर लंबा रॉकेट लगभग 18 मिनट के सफर के बाद 550 किलोग्राम वजनी प्रोबा-3 उपग्रहों को वांछित कक्षा में स्थापित करेगा।