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Dhar Bhojshala Survey: हाई कोर्ट में जैन समाज ने कहा- भोजशाला सर्वेक्षण में खोदाई में मिलीं मूर्तियां उनके तीर्थंकर की

Dhar Bhojshala Survey: हाई कोर्ट में जैन समाज ने कहा- भोजशाला सर्वेक्षण में खोदाई में मिलीं मूर्तियां उनके तीर्थंकर की

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Dhar Bhojshala Survey: हाई कोर्ट में जैन समाज ने कहा- भोजशाला सर्वेक्षण में खोदाई में मिलीं मूर्तियां उनके तीर्थंकर की मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला को अपना धार्मिक स्थल बताते हुए अब जैन समाज ने दावा किया है। इसके लिए विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन ने मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है। कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के सर्वे में खोदाई के दौरान भोजशाला में जो मूर्तियां मिलीं हैं, वे जैन समाज के देवी-देवताओं और उनके तीर्थंकर की हैं।

याचिका में एएसआइ की ओर से किए जा रहे सर्वे में जैन समाज के दो प्रतिनिधियों को भी शामिल करने और खोदाई में मिलीं जैन समाज के देवी-देवताओं की मूर्तियों को समाज को सौंपने की मांग की गई है। हाई कोर्ट ने याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। इस पर चार जुलाई को सुनवाई होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इसके पहले अपनी सर्वे रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करनी है। याचिका विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता पीके शुक्ला और आशुतोष शुक्ला के माध्यम से दायर की है।

एडवोकेट शुक्ला ने बताया कि याचिका में हमने दावा किया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी की मूर्ति मिली है। इसके अलावा वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिलते हैं, क्योंकि एक शिलालेख ऐसा भी मिला है, जो बताता है कि यहां किसी समय जैन गुरुकुल भी था। कई देशी-विदेशी वरिष्ठ लेखकों ने अपनी पुस्तकों में सनातन और जैन समाज के देवी-देवताओं की मूर्तियों की आकृति के बारे में बताया है।

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उनका कहना है कि ये मूर्तियां लगभग एक जैसी होती हैं। इनमें अंतर कर पाना बहुत आसान नहीं होता। ऐसी स्थिति में इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिस मूर्ति को सरस्वती देवी की मूर्ति बताया जा रहा है, वह जैन समाज की देवी की मूर्ति हो।

मूर्तियां जैन समाज को सौंपी जाएं

 

याचिका में कहा है कि अब तक भोजशाला मामले में चल रही सुनवाई में सिर्फ दो ही पक्षकार (सनातनी और मुस्लिम) हैं, लेकिन अब जैन समाज को भी सुना जाए। इसके लिए सुनवाई के दौरान जैन समाज के दो प्रतिनिधि शामिल किए जाएं। संगठन की इंदौर शाखा के अध्यक्ष मयंक जैन और मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि हमने यह मांग भी रखी है कि खोदाई के दौरान जैन समाज से जुड़ी मूर्तियों को समाज को सौंपा जाए, जिससे इन मूर्तियों को सही स्थान पर विराजित किया जा सके।

 

 

Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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