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सीरिया में ISIS से ट्रेनिंग लेकर भारत में घुसे 122 आतंकवादी, पहलगाम अटैक के बाद बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले और बारामूला दो आतंकवादियों को ढेर किए जाने के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने खुलासा किया कि, पिछले डेढ साल में जम्मू कश्मीर के रास्ते 51 विदेशी आतंकवादी भारत में घुस आए हैं.खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 तक विदेशी आतंकवादियों की संख्या 71 थी, जो इस साल बढ़कर 122 हो गई है. यह खुलासा पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है. बता दें कि, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने बैसरन पर्यटन स्थल पर कम से कम 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

एक अधिकारी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि,पिछले कुछ समय में सीमा पार से 122 आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर चुके हैं और वे जम्मू-कश्मीर में फैल चुके हैं. सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, कई आतंकवादियों ने सीरिया में आईएसआईएस के शिविरों में आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

यह जानकारी गिरफ्तार किए गए कुछ आतंकी सदस्यों ने पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों को दी. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सेना की चिनार कोर ने बुधवार को दो आतंकियों को मार गिराया. खबर के मुताबिक, जब आतंकी बारामूला के उरी नाला में सरजीवन के जनरल एरिया से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, उसी समय उनका एनकाउंटर कर दिया गया. घटनास्थल से दो एके सीरीज की राइफलें,पांच मैगजीन, एक पिस्तौल,दस किलो आरसीआईडी ​​और अन्य सामान बरामद की गई है.

 

अधिकारी ने बताया कि पहलगाम हमले में विदेशी आतंकी भी शामिल थे.पहलगाम हमले को अंजाम देने में उन्हें (विदेशी आतंकियों को) स्थानीय आतंकियों के साथ-साथ विभिन्न आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्करों का भी समर्थन प्राप्त था. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की चिंता है कि भारत में घुसने के बाद आतंकी संगठन के कई सदस्य देश के अन्य हिस्सों खासकर दक्षिणी राज्यों में अपना ठिकाना बना लेते हैं.

मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उनका उद्देश्य आईएसआईएस मॉड्यूल को बढ़ावा देना और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देना है. भारत की प्रमुख आतंकवाद निरोधक एजेंसी (एनआईए) भारत में आईएसआईएस मॉड्यूल के कई मामलों की जांच कर रही है.

जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, कई मामलों में उन्होंने पाया है कि आईएसआईएस मॉड्यूल के आतंक से प्रेरित होकर, सदस्य आतंकवाद के वित्तपोषण में शामिल हैं और साथ ही बम विस्फोट की घटनाओं को भी अंजाम देने में भी उनकी भूमिका होती है.इस साल जनवरी में,राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली-पडघा आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस के एक कट्टर कार्यकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आरोपी रिजवान अली उर्फ समी अली उर्फ आमिर खान उर्फ अबू सलमा उर्फ दानिश के खिलाफ यहां एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया था. वह 21वां आईएसआईएस आतंकी था जिसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. आरोपी मध्य दिल्ली के दरियागंज का निवासी है।

रिजवान पर आईईडी निर्माण से संबंधित डिजिटल फाइलों को अन्य आरोपियों के साथ साझा करने का आरोप है. आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की तैयारी के लिए कई काम करने के अलावा, वह भारत में हिंसा फैलाने और इसके धर्मनिरपेक्ष लोकाचार और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नष्ट करने के लिए आईएसआईएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धन जुटाने में भी शामिल था. एक अन्य मामले में, एनआईए ने हाल ही में 2022 के आईएसआईएस से प्रेरित कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इस विस्फोट को अंजाम देने वाले आत्मघाती हमलावर को मार गिराया गया था.

आरसी-01/2022/एनआईए/सीएचई मामले में अपने चौथे पूरक आरोप पत्र में, एनआईए ने शेख हिदायतुल्लाह, उमर फारुक, पावस रहमान, शरण मरियप्पन और अबू हनीफा पर आतंकी वित्तपोषण और आतंकी हमले से जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. जाने-माने सुरक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल एसपी सिन्हा (वीएसएम) ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की कायराना हरकत करार दिया.

मेजर जनरल सिन्हा ने कहा कि, आईएसआईएस से प्रेरित पाकिस्तानी आतंकवादी को वहां की सेना और आईएसआई से भी समर्थन मिलता है. उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. सेना के दिग्गज ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर संभावित सैन्य हमले का संकेत देते हुए कहा…यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है.

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