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अभाविप से शुरू किया राजनीतिक जीवन-ये है जयराम की कहानी

शिमला: हिमाचल के 13वें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गरीबी में पले। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीतिक सफर तय करने वाले जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिले की थुनाग तहसील के तांदी गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ है।

जेठूराम और ब्रिकमू देवी के घर में जन्मे जयराम ठाकुर का बचपन गरीबी में कटा है। जयराम के पिता जेठूराम का निधन 25 दिसंबर, 2016 को हुआ। उनकी मां बिक्रमू देवी हैं जो उनका बखूबी साथ दे रही हैं। वर्ष 1995 में जयपुर की डॉ. साधना सिंह से उनकी शादी हुई। जयराम और साधना की दो बेटियां हंै। क्षत्रिय परिवार में जन्मे जयराम ठाकुर की प्रारंभिक शिक्षा कुराणी स्कूल से हुई। इसके बाद बगस्याड़ से उच्च शिक्षा लेकर वे मंडी आ गए। मंडी कॉलेज से बीए करने के साथ एबीवीपी और संघ से जुड़कर कार्य करते रहे। वर्ष 1986 में एबीवीपी के संयुक्त सचिव रहे। उनके तीन भाई व दो बहनें हैं।

1993 में भाजपा ने सिराज से मैदान में उतारा
जम्मू-कश्मीर जाकर एबीवीपी का प्रचार किया और 1992 में घर लौटे। वर्ष 1993 में जयराम को भाजपा ने सिराज विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। महज 26 वर्ष की उम्र में जयराम ठाकुर ने यह चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गए।

मानें जाते हैं शांता के करीबी
वर्ष 1998 में भाजपा ने फिर जयराम ठाकुर को मौका दिया। इस बार जयराम ने जीत दर्ज की। फिर जीत का सिलसिला शुरू हो गया और कभी हार नजर नहीं आई। जयराम ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के करीबी माने जाते हैं ।

रहे चुके हैं पंचायती राज मंत्री
जयराम एक बार सिराज मंडल भाजपा अध्यक्ष, एक बार प्रदेशाध्यक्ष, राज्य खाद्य आपूर्ति बोर्ड के उपाध्यक्ष और कैबिनेट में पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं। 2006-09 तक जयराम के प्रदेशाध्यक्ष रहते भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और सत्ता हासिल की।

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