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क्या करगिल की तरह पहलगाम हमले को लेकर स्वतंत्र जांच कराएगी सरकार : कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को केंद्र सरकार से 1999 के करगिल युद्ध के बाद बनी समीक्षा समिति का हवाला देते हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी स्वतंत्र और व्यापक विश्लेषण एवं आकलन कराने की मांग की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए यह सवाल उठाया.

वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के तुरंत बाद करगिल समीक्षा समिति का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट के बाद सुरक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार और संस्थागत परिवर्तन किए गए थे. इस समिति ने युद्ध के दौरान हुई कमियों को उजागर किया और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे.

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, “करगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक तीन दिन बाद, तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने 29 जुलाई, 1999 को करगिल समीक्षा समिति गठित की थी. इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी, 2000 को संसद में प्रस्तुत की गई थी. हालांकि, इसके कुछ हिस्सों को अब भी गोपनीय रखा गया है, और ऐसा होना भी चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा कि इस समिति के अध्यक्ष भारत के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम थे, जिनके पुत्र एस जयशंकर वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री हैं. रमेश ने सवाल किया, “क्या मोदी सरकार अब पहलगाम हमले को लेकर एनआईए की जांच के बावजूद इसी तरह का एक स्वतंत्र और व्यापक विश्लेषण एवं आकलन कराएगी?”

कांग्रेस नेता ने सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को फिर से दोहराया. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन डीसी से आए बयानों के बाद यह मांग अब और भी अधिक जरूरी और तात्कालिक हो गई है.

गौरतलब है कि बीते 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया और पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. हालांकि, “ऑपरेशन सिंदूर” फिलहाल रुका हुआ है, समाप्त नहीं हुआ है.

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