त्रिपुर सुंदरी मंदिर: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध, सती का कौन सा अंग गिरा था?
त्रिपुर सुंदरी मंदिर: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध, सती का कौन सा अंग गिरा था?

त्रिपुर सुंदरी मंदिर: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध, सती का कौन सा अंग गिरा था?। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार, 22 सितंबर को त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित 524 साल पुराने माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर का उद्घाटन करेंगे. लगभग 524 सालों पुराना त्रिपुर सुंदरी मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि यह इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक माना जाता है।
त्रिपुर सुंदरी मंदिर: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध, सती का कौन सा अंग गिरा था?
माता सती को समर्पित देश के 51 शक्तिपीठों में से एक
इस मंदिर का निर्माण महाराजा धन्या माणिक्य द्वारा 1501 में करवाया गया था. यह मंदिर माता सती को समर्पित देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता त्रिपुर सुंदरी में देवी सती के चरण गिरे थे।
इस मंदिर को ‘कूर्म पीठ’ भी कहा जाता है
देश के 51 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर को ‘कूर्म पीठ’ भी कहा जाता है, क्योंकि मंदिर कछुए की पीठ जैसे आकार की पहाड़ी पर बना हुआ है. इस मंदिर में तांत्रिक साधना का बहुत अधिक महत्व है, जिसे ‘माताबारी’ के नाम से भी जाना जाता है।.
दस महाविद्याओं में से एक सौम्य रूप
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में, गोमती जिले के उदयपुर शहर में स्थित इस शक्तिपीठ में विराजमान देवी त्रिपुर सुंदरी को दस महाविद्याओं में से एक सौम्य रूप माना जाता है, जो सुंदरता और समृद्धि की प्रतीक हैं. तंत्र साधना के लिए यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है।
त्रिपुर सुंदरी की काले ग्रेनाइट पत्थर की प्रतिमा
नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर में माता त्रिपुर सुंदरी की काले ग्रेनाइट पत्थर की प्रतिमा स्थापित है. पौराणिक मान्यता है कि माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर में देवी सती के दाहिने पैर (या पैर की उंगलियों सहित एक हिस्सा) गिरा था।