
डॉलर की बढ़ती डिमांड ने रुपये की कमर तोड़ी, एक महीने में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंचा। अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील 1 अगस्त तक नहीं हो पाती है, तो अमेरिका भारत को भी बाकी देशों की तरह टैरिफ लेटर भेज सकता है. जिसका असर भारत के रुपए पर और भी ज्यादा खतरनाक देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रुपए और डॉलर को लेकर करेंसी मार्केट में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।
डॉलर की बढ़ती डिमांड ने रुपये की कमर तोड़ी, एक महीने में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंचा
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले में रुपए की हालत काफी खस्ता देखने को मिल रही है. सोमवार को करेंसी मार्केट के ओपन होते ही रुपया एक महीने के लोअर लेवल पर पहुंच गया है. जानकारों की मानें तो विदेशी और लोकल प्राइवेट बैंकों की ओर से डॉलर की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से रुपए में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही है. इसके अलावा डॉलर इंडेक्स जो एक समय पर 96 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, वो 98 के पार चला गया है।
इसके अलावा विदेशी बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर के करीब कारोबार कर रही हैं, जो कभी 66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थी. वहीं दूसरी ओर अभी तक भारत और अमेरिका के ट्रेड डील नहीं हो सकी है. अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील 1 अगस्त तक नहीं हो पाती है, तो अमेरिका भारत को भी बाकी देशों की तरह टैरिफ लेटर भेज सकता है. जिसका असर भारत के रुपए पर और भी ज्यादा खतरनाक देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रुपए और डॉलर को लेकर करेंसी मार्केट में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं।