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Sawan Somwar सावन का पहला सोमवार आज, पूजन व्रत शिव जी की आराधना से होगी सभी इच्छाओं की पूर्ति जानिए शुभ मुहूर्त पूजन विधि

Sawan Somwar शिव भक्तों के लिए सावन का पहला सोमवार बेहद खास होता है। कटनी में शिवभक्त सावन सोमवार को लेकर खास उत्साहित हैं। शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना का क्रम आज प्रातः काल से शुरू होगा। शहर के देवालयों में शिवभक्तों का तांता लगेगा। शहर के अलावा उपनगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में दिनभर अनुष्ठान होंगे। कटनी में सभी प्रमुख शिव मंदिरों में रविवार को दिनभर सावन के सोमवार की खास तैयारी चलती रहीं।

सावन सोमवार पर चण्डिका मंदिर कुठला नदी के तट पर भी विशेष आयोजन होंगे। कई मंदिरों में पार्थिव शिवलिंग बनाते हुए अभिषेक पूजन किया जाएगा। इसके बाद धूमधाम से शिवलिंग का विसर्जन किया गया। इसके अलावा माधवनगर स्थित भोलेशंकर मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, विश्राम बाबा मंदिर, कटायेघाट हनुमान मंदिर, शिव मंदिर अस्पताल रोड, माई नदी शिव मंदिर, शीतला माता मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, खिरहनी मंदिर आदि में भी पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचेगे। वहीं लोग व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ के प्रति आस्था प्रकट करेंगे

विधिवत पूजा करने से साधक की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती हैं

धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने और शिवजी की विधिवत पूजा करने से साधक की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। 13 जुलाई 2025 को सावन का पहला सोमवार व्रत रखा जाएगा। इस पावन मौके पर आप भी शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना के साथ कुछ विशेष काम कर सकते हैं। आइए जानते हैं सावन सोमवार पूजा-विधि, मुहूर्त, मंत्र,

पूजन-विधि:

सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
  • भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
  • भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
  • भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूजन के शुभ मुहूर्त-

  1. ब्रह्म मुहूर्त 04:11 ए एम से 04:52 ए एम
  2. प्रातः सन्ध्या 04:32 ए एम से 05:33 ए एम
  3. अभिजित मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:55 पी एम
  4. विजय मुहूर्त 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
  5. गोधूलि मुहूर्त 07:20 पी एम से 07:40 पी एम
  6. सायाह्न सन्ध्या 07:21 पी एम से 08:22 पी एम
  7. अमृत काल 11:21 पी एम से 12:55 ए एम, जुलाई 15
  8. निशिता मुहूर्त 12:07 ए एम, जुलाई 15 से 12:48 ए एम, जुलाई 15

पूजन सामग्री की लिस्ट- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

मंत्र-

शिव मंत्र: ॐ नमः शिवाय ॥

महामृत्युंजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

आरती-

ॐ जय शिव ओंकारा

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…

एकानन चतुरानन पंचानन राजे,

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव…

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे,

त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव…

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव…

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता,

जगकर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता॥ ॐ जय शिव…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,

प्रणवाक्षर में शोभित यह त्रिवेद का टीका॥ ॐ जय शिव…

शिव ओंकारा शिव ओंकारा हर ऊंकारा,

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…

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