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कलश शोभायात्रा के साथ शुरू हुई श्रीं मद भागवत कथा

कलश शोभायात्रा के साथ शुरू हुई श्रीं मद भागवत कथ

कटनी-अपने मन एवं वाणी को शुद्ध एवं प्रसन्नचित करने के लिए सर्वथा भागवत योग बनाने के लिए हम सब भगवान के नाम का आश्रय ले । क्योंकि हमारे जीवन में उपाय तो बहुत सारे हैं भगवान के पास जाने का भगवान के नजदीक जाने का लेकिन जैसे सहजता से सरलता से भगवान के नाम का स्मरण करके भगवान के प्रिय हो सकते हैं वैसा कोई उपाय नहीं है भगवान का नाम ऐसा है भगवान का स्वरूप ऐसा है भगवान की महिमा ऐसी है अगर हम उनको केवल याद करें यदि उनका हम स्मरण भी करते हैं तो समस्त संसार के बंधनो से मुक्त हो जाते हैं तो भगवान के नाम का जाप करना है भगवान के स्वरूप का स्मरण करना है उक्त आशय के विचार अयोध्या धाम के आचार्य श्री श्रीवत्स महाराज ने महारानी लक्ष्मीबाई तिराहा एमजीएम गली मोहन टाकीज के पीछे स्थित नगर निगम सामुदायिक भवन में शर्मा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस व्यक्त किए । कथा का शुभारंभ कलश शोभायात्रा से हुआ जिसमें फूलों से सुशोभित रथ में महाराज विराजमान थे यजमान रानी शर्मा द्वारा भागवत कथा के पुस्तक को सिर पर रखकर कलश शोभायात्रा के आगे आगे चल रही थी शोभा यात्रा सिविल लाइन ब्रह्माकुमारी प्रांगण से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए कथा स्थल सामुदायिक भवन पहुंची । तत्पश्चात कथा वाचक श्रीवत्स महाराज ने वैदिक मंत्रोउच्चारण और विधिवत पूजा अर्चना के साथ कथा का शुभारंभ किया । आचार्य श्रीवत्स महाराज ने आगे कहा कि भक्ति से ज्ञान वैराग्य पैदा होता है संसार में पुण्य कार्य करना चाहिए पुरुषार्थ प्राप्त करने के लिए भगवान की आराधना करनी चाहिए जिससे भक्ति में वृद्धि होती है भक्ति रूपी तत्व के जीवन में आने पर व्यक्ति का आत्म बल बढ़ने लगता है तथा प्रभु की कृपा होती है भागवत कथा कथाओं का एक संग्रह मात्रा नहीं है बल्कि यह भक्ति ज्ञान और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाली एक दिव्य यात्रा है । कथा मे शिवांशु अनुराग विकास वैष्णो लल्लन कंचन समर्थ रज्जन शर्मा बल्लू शर्मा सुधा सुंदर पिंकी रजनी मेघा आदि का सहयोग रहा l

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