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sharma verma ki Jodi: शर्मा-वर्मा का जादू दोहराया गया: पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी दिलाया खिताब, शेफाली-दीप्ति बनीं जीत की नई पहचान

sharma verma ki Jodi: शर्मा-वर्मा का जादू दोहराया गया: पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी दिलाया खिताब, शेफाली-दीप्ति बनीं जीत की नई पहचान

sharma verma ki Jodi: शर्मा-वर्मा का जादू दोहराया गया: पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी दिलाया खिताब, शेफाली-दीप्ति बनीं जीत की नई पहचान। क्रिकेट में अक्सर कुछ नाम अपनी गूंज छोड़ जाते हैं। लेकिन जब एक ही उपनाम वाली जोड़ी दो अलग-अलग टूर्नामेंट्स में चमक बिखेर दे, वो भी महिला और पुरुष क्रिकेट में, तो कहानी अपने आप में ऐतिहासिक बन जाती है।

sharma verma ki Jodi: शर्मा-वर्मा का जादू दोहराया गया: पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी दिलाया खिताब, शेफाली-दीप्ति बनीं जीत की नई पहचान

दो महीने पहले एशिया कप में ‘शर्मा-वर्मा’ की जोड़ी यानी अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा ने भारतीय पुरुष टीम को खिताब दिलाया था। अब वही जादू महिला विश्व कप में दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा ने दोहराया है।

दो महीने का फासला, एक जैसा जलवा
सितंबर में खेले गए एशिया कप 2025 में युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा और ओपनर अभिषेक शर्मा ने मिलकर भारत को शानदार जीत दिलाई थी। अभिषेक ने फाइनल छोड़ लगभग हर मैच में आक्रामक अंदाज दिखाया था, जबकि फाइनल में तिलक वर्मा का बल्ला क्या खूब चला था। पूरे टूर्नामेंट में जहां अभिषेक की विस्फोटक बल्लेबाजी दिखी, वहीं फाइनल में तिलक का क्लासिक टच दिखा। ये जोड़ी भारत की नई पीढ़ी की ताकत बनकर उभरी थी।

अब महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में वही कहानी दोहराई गई, लेकिन इस बार नायक नहीं, नायिकाएं थीं। शेफाली वर्मा, जो टूर्नामेंट के शुरू होने से कुछ दिन पहले ही टीम में शामिल हुईं, ने फाइनल में धुआंधार पारी खेली, साथ ही दो विकेट भी चटकाए और भारत को जीत की राह दिखाई। वहीं, दीप्ति शर्मा ने गेंद से कमाल करते हुए पूरे टूर्नामेंट में 22 विकेट झटके, जो विश्व कप इतिहास में संयुक्त रूप से दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके अलावा फाइनल में 58 रन की पारी भी खेली। वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहीं।

अब इसे अजब संयोग कहें या कुछ और, जहां एशिया कप फाइनल में तिलक वर्मा प्लेयर ऑफ द मैच और अभिषेक शर्मा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, वहीं महिला विश्व कप में शेफाली वर्मा प्लेयर ऑफ द मैच और दीप्ति शर्मा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहीं। दोनों बार भारत के लिए शर्मा-वर्मा नाम की जोड़ी ही ट्रॉफी जीतने वाली साबित हुई। इन चारों खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट अब सिर्फ नाम नहीं, ब्रांड ऑफ टैलेंट बन चुका है, जो किसी भी मंच पर मैच बदल सकता है। फैंस तो यहां तक कहने लगे हैं- शर्मा-वर्मा, यानी जीत की गारंटी।

शेफाली और दीप्ति के बयान
फाइनल के बाद शेफाली ने कहा, ‘मैंने खुद पर भरोसा रखा था। जब मौका मिला, तो बस सोचा कि टीम के लिए कुछ बड़ा करना है। आज वो सपना सच हो गया।’ वहीं दीप्ति शर्मा ने कहा, ‘हर मैच में मेरा फोकस सिर्फ टीम के लिए विकेट निकालने पर था। जब पूरा देश आपके पीछे खड़ा हो, तो ऊर्जा अपने आप आ जाती है। sharma verma ki Jodi: शर्मा-वर्मा का जादू दोहराया गया: पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी दिलाया खिताब, शेफाली-दीप्ति बनीं जीत की नई पहचान

 

 

 

 

 

 

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