शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण यह हैं:
– वैश्विक तनाव ईरान-इजराइल युद्ध के कारण वैश्विक तनाव में वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हो गया है
– अनिश्चितता: युद्ध के कारण अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे निवेशकों को अपने निवेश के बारे में सोचने का मौका मिल गया है ।
-आर्थिक प्रभाव: युद्ध के कारण आर्थिक प्रभाव भी पड़ सकता है, जैसे कि व्यापार और उद्योग पर इसका प्रभाव
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, और यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। निवेशकों को अपने निवेश के बारे में सावधानी से विचार करना चाहिए और अपने निर्णयों के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।
ईरान के 1 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए मिसाइल हमले के बाद भारतीय शेयर बाजार से जैसे रिएक्शन की उम्मीद की जा रही थी. गुरुवार को छुट्टी के बाद बाजार खुलने पर वैसा ही रिएक्शन मिला है. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर शेयर बाजार बुधवार को बंद थे. इसलिए सेंसेक्स और निफ्टी दोनों का रिएक्शन गुरुवार को बाजार खुलने के बाद दिखा है.
3 अक्टूबर को बीएसई सेंसेक्स करीब 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,002.09 अंक पर खुला, तुरंत बाद ही ये गिरावट 850 अंक के आसपास आ गई. हालांकि 9.30 बजे तक मार्केट ने संभलना शुरू कर दिया और सेंसेक्स की गिरावट महज 550 अंक के आसपास रह गई. जबकि इससे पहले प्री-ओपन मार्केट में सेंसेक्स ने 1,264.2 अंक का गोता लगाया था.
इसी तरह एनएसई निफ्टी 345.3 अंक की गिरावट के साथ 25,452.85 अंक की गिरावट के साथ खुला. हालांकि बाजार में रिकवरी जल्द दिखने लगी और गिरावट महज 200 अंक की रह गई. प्री-ओपन मार्केट में निफ्टी में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई थी.
साफ हुए 6 लाख करोड़
भले मार्केट में जल्द ही सुधार के संकेत दिखने लगे हों, लेकिन शुरुआती गिरावट ने निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपए साफ कर दिए. बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन मंगलवार के मुकाबले 5.63 लाख करोड़ रुपए गिरकर गुरुवार को बाजार खुलते ही 4.69 लाख करोड़ रुपए पर आ गया.
इंटरनेशनल मार्केट के हालात
मंगलवार को ईरान के इजराइल पर ताजा हमले के बाद दुनियाभर के बाजारों में अफरा-तफरी मचने की आशंका थी. हालांकि 2 अक्तूबर को जब इंटरनेशनल मार्केट में ट्रेडिंग हुई, तो मार्केट पर इसका असर ना के बराबर दिखा. एशिया के प्रमुख बाजार जापान के निक्की 225 इंडेक्स में 2% तक की ग्रोथ देखी गई है. वहीं अमेरिका के एसएंडपी 500 इंडेक्स में भी 0.79 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.
इंटरनेशनल लेवल पर शेयर मार्केट में रिकवरी का सिलसिला डाउ जोन्स में 39.55 पॉइंट की बढ़त के रूप में भी दिखा है. आईटी कंपनियों का प्रमुख इंडेक्स नैस्डेक भी 14 पॉइंट मजबूती के साथ ग्रीन जोन में रहा है. इधर भारत के पड़ोसी देश चीन का सीएसआई 300 इंडेक्स 314 पॉइंट मजबूत हुआ है. वहीं शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी 249 अंक तक ग्रीन जोन में रहा है. सिर्फ हांग कांग के हेंग शेंग इंडेक्स में 700 अंक तक की गिरावट दिखी है.