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Shardiya Navratri: लहलहा उठेंगे जौ, जानें बोने और संवारने के तरीके

Shardiya Navratri: लहलहा उठेंगे जौ, जानें बोने और संवारने के तरीके

Shardiya Navratri: लहलहा उठेंगे जौ, जानें बोने और संवारने के तरीके। शारदीय नवरात्रि 2025 आज यानी 22 सितंबर से शुरू हो रही है. साल में 6 महीने के अंतराल पर चैत्र और शारदीय नवरात्रि सेलिब्रेट की जाती हैं. दोनों में ही पहले दिन घटस्थापना (कलश) के साथ ही जौ बौने की परंपरा है।

Shardiya Navratri: लहलहा उठेंगे जौ, जानें बोने और संवारने के तरीके

मां के आगमन के साथ घर में पूजन की चौकी के पास बोए जाने वाले ये पवित्र जौ शुभता का प्रतीक माने जाते हैं, क्योंकि अंकुरण एक नए जीवन का संकेत देता है. मान्यता है कि जौ जितने हरे-भरे और घने होते हैं मां की कृपा से घर में उतनी ही शुभता, सम्पन्नता और समृद्धि आती है. इस स्टोरी में जानेंगे कि आप किस तरह से जौ बोएं और देखभाल कैसे करें ताकि 9 दिनों में ये लहलहा उठे।

उत्तर भारत में खासतौर पर जौ जरूर बोए जाते हैं. नवरात्रि में जौ का बोया जाना श्रद्धा और भक्ति के साथ प्रकृति के संगम को दिखाता है. मां दुर्गा को प्रकृति का रूप भी माना गया है, इसलिए उनका एक नाम “अष्टधा प्रकृति” भी है, तो वहीं उन्हें अन्नपूर्णा, शाकंभरी, अरण्यनी के नाम से भी जाना जाता है. चलिए जान लेते हैं कैसे लगाएं जौ और देखभाल के टिप्स.

 

जौ बोने के लिए करें ये तैयारी

सबसे पहले जौ को पानी में डाल दें और जितने जौ ऊपर तैरने लगे वो निकाल दें. इन्हें कुछ देर के लिए भिगोकर रख दें. इसके बाद मिट्टी को तैयार करें. मिट्टी में से कंकड़ निकाल दें, इसमें थोड़ा सा नदी वाला रेत मिला दें. जैसे 80 प्रतिशत मिट्टी और 20 प्रतिशत रेत. इसके लिए आपको चाहिए होगा एक मिट्टी का बर्तन जो बहुत ज्यादा गहरा हो लेकिन चौड़ा हो. जैसे हलवाई की दुकान में दही जमाने वाले मिट्टी के पात्र होते हैं.

इस तरह से बोएं जौ

मिट्टी के पात्र को धोकर साफ कर लें, इसमें नीचे एक छोटा सा छेद कर दें ताकि पानी की निकासी सही से होती रहे. फिर इसमें तैयार की गई मिट्टी की एक मोटी परत बिछा दें, लेकिन ऊपर तक न भरें. इसमें थोड़ा सा पानी छिड़क दें. इसके लिए स्प्रे बोतल का यूज भी कर सकते हैं. अब भिगोकर रखे गए जौ मिट्टी के ऊपर अच्छी तरह से फैला दें. इसके ऊपर फिर से मिट्टी की एक पतली परत (तकरीबन एक इंच से भी कम) फैला दें. इसके ऊपर गंगाजल डालें, लेकिन ध्यान रखें कि ये बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए. इस तरह से आपके जो की रोपाई हो जाएगी.

जौ की देखभाल के टिप्स

रोजाना पूजन के बाद जौ में हल्का-हल्का पानी दें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे. ज्यादा पानी देने से जौ अंकुरित नहीं होंगे और अंदर ही सड़ने लगते हैं.जौ का पात्र ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां पर कीट या फिर चूहे न पहुंचें. अगर आप जमीन पर चौकी लगा रहे हैं तो कोई ऐसी खुली चीज लें, जिससे जौ के चारों तरफ एक सेफ्टी दीवार बनाई जा सके ताकि जौ को नुकसान न हो.इस तरह से मां की भक्ति में पूरा मन लगाने के साथ ही थोड़ी सी देखभाल से जौ 9 दिनों में काफी हरे-भरे हो जाते हैं और अच्छी तरह से ग्रो होते हैं। Shardiya Navratri: लहलहा उठेंगे जौ, जानें बोने और संवारने के तरीके

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