EMI में लाखों का अंतर: कम Processing Fee और MaxGain के साथ SBI होम लोन vs एचडीएफसी Loan जानिए कौन बेहतर
EMI में लाखों का अंतर: कम Processing Fee और MaxGain के साथ SBI होम लोन vs एचडीएफसी Loan जानिए कौन बेहतर

EMI में लाखों का अंतर: कम Processing Fee और MaxGain के साथ SBI होम लोन vs एचडीएफसी Loan जानिए कौन बेहतर। दोनों ही देश के प्रमुख बैंक हैं. एक सरकारी – SBI, दूसरा निजी क्षेत्र का दिग्गज – HDFC. दोनों की ब्याज दरों में मामूली अंतर है, लेकिन यही छोटा-सा फर्क लंबे समय में आपकी जेब से लाखों रुपये ज़्यादा या कम निकाल सकता है।
EMI में लाखों का अंतर: कम Processing Fee और MaxGain के साथ SBI होम लोन vs एचडीएफसी Loan जानिए कौन बेहतर

SBI: कम ब्याज दर, कम EMI – लेकिन क्या यही सबसे अच्छा विकल्प है? (HDFC Vs SBi Home Loan)
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों को होम लोन 7.50% की शुरुआती ब्याज दर पर ऑफ़र करता है. यह दर आपके क्रेडिट स्कोर और लोन की राशि पर निर्भर करती है
यदि आप SBI से ₹30 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लेते हैं, तो।
- अवधि: 20 साल
- ब्याज दर: 7.50%
- मासिक EMI: ₹24,168
- कुल भुगतान: ₹58,00,271
- ब्याज का हिस्सा: ₹28,00,271
यानि आप ₹30 लाख के घर के लिए 20 साल में ₹28 लाख केवल ब्याज में चुकाएंगे. लेकिन EMI थोड़ी किफायती रहेगी।
HDFC: निजी बैंक, थोड़ी महंगी दर – लेकिन सुविधाएं ज़्यादा? (HDFC Vs SBi Home Loan)
HDFC बैंक, भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, जो होम लोन की शुरुआत 8.15% की ब्याज दर से करता है. यह दरें भी आपकी प्रोफाइल पर निर्भर करती हैं.
यदि आप HDFC से ₹30 लाख का लोन 20 वर्षों के लिए लेते हैं, तो।
- अवधि: 20 साल
- ब्याज दर: 8.15%
- मासिक EMI: ₹25,374
- कुल भुगतान: ₹60,89,756
- ब्याज का हिस्सा: ₹30,89,756
यहां कुल भुगतान में SBI की तुलना में लगभग ₹2.9 लाख का अंतर है – और यह अंतर आपकी वित्तीय योजना पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
EMI में यह फ़र्क इतना मायने क्यों रखता है? (HDFC Vs SBi Home Loan)
- SBI की EMI: ₹24,168
- HDFC की EMI: ₹25,374
- हर महीने का अंतर: ₹1,206
- 20 वर्षों में कुल फ़र्क: ₹2,89,485
₹1,200 की मासिक बचत वर्षों में लाखों में बदल सकती है. यह पैसा आप बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य बीमा या निवेश में इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या केवल ब्याज दर ही निर्णायक होनी चाहिए? (HDFC Vs SBi Home Loan)
बिलकुल नहीं. होम लोन चुनते समय इन बिंदुओं पर भी ध्यान देना चाहिए:
- प्रोसेसिंग फीस
- प्री-पेमेंट या फोर-क्लोज़र पेनल्टी
- रीसेट पीरियड (फ्लोटिंग रेट लोन के लिए)
- डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया और ग्राहक सेवा
- मोबाइल/ऑनलाइन सपोर्ट और पार्ट-पेमेंट की सुविधा
सरकारी बैंक ब्याज दरों में राहत दे सकते हैं, लेकिन प्राइवेट बैंक प्रक्रिया को तेज़, आसान और लचीला बनाते हैं।