कांग्रेस सासंद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज असम और मणिपुर के दौरे पर हैं. सबसे पहले वो असम के सिलचर पहुंचे. यहां मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया. यहां से राहुल मणिपुर के लिए रवाना होंगे लेकिन उससे पहले जिरीबाम जिले में जबरदस्त गोलीबारी हुई है. जानकारी के मुताबिक, करीब तीन घंटे तक फायरिंग होती रही।
जिरीबाम के गुलारथल इलाके में कुछ अज्ञात हमलावरों ने सोमवार तड़के करीब 3.30 बजे फायरिंग करनी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की. हालांकि, इस फायरिंग में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर सामने नहीं आई है. फायरिंग सुबह 7 बजे तक जारी रही. इस घटना के बाद आसपास के इलाकों में भारी संख्या सुरक्षाबलो को तैनात किया गया है।
Assam: Congress MP Rahul Gandhi welcomed by former Manipur CM Okram Ibobi Singh as he reaches Silchar.
He will visit the Relief Camp at Thalai in Youth Care Center, Fulertal and then proceed to Manipur.
Source: AICC pic.twitter.com/RrhanHseTf
— ANI (@ANI) July 8, 2024
असम में बाढ़-बारिश से अब तक 78 मौतें
असम में बाढ़ से हालात बेकाबू हैं. असम में बाढ़ और बारिश से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. 29 जिलों में बाढ़ से कुल 23 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र नदी निमतीघाट, तेजपुर, ग्वालपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है. राहुल गांधी लखीपुर में बाढ़ राहत शिविर जाएंगे और वहां शरण लिए हुए लोगों से बातचीत करेंगे.
राहुल ने बाढ़ के हालात पर जताई थी जिंता
राहुल गांधी ने शनिवार को असम में बाढ़ के हालात पर जिंता जताई. उन्होंने कहा था कि असम में बाढ़ की स्थिति लगातार खतरनाक होती जा रही है. बाढ़ से जूझ रहे हमारे भाई-बहनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हैं. उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से बचाव और पुनर्वास कार्यों में मदद करने की अपील की थी.
मणिपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलेंगे
असम के बाद राहुल मणिपुर का दौरा करेंगे. मणिपुर के जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल में हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे. इसके अलावा राहत शिविरों का दौरा करेंगे और पीसीसी नेताओं से भी मिलेंगे. लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए जनता का धन्यवाद करेंगे. मणिपुर की दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. यह उनका मणिपुर का तीसरा और पूर्वोत्तर में नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला दौरा है।
असम में बाढ़-बारिश से अब तक 78 मौतें
असम में बाढ़ से हालात बेकाबू हैं. असम में बाढ़ और बारिश से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. 29 जिलों में बाढ़ से कुल 23 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र नदी निमतीघाट, तेजपुर, ग्वालपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है. राहुल गांधी लखीपुर में बाढ़ राहत शिविर जाएंगे और वहां शरण लिए हुए लोगों से बातचीत करेंगे.
राहुल ने बाढ़ के हालात पर जताई थी जिंता
राहुल गांधी ने शनिवार को असम में बाढ़ के हालात पर जिंता जताई. उन्होंने कहा था कि असम में बाढ़ की स्थिति लगातार खतरनाक होती जा रही है. बाढ़ से जूझ रहे हमारे भाई-बहनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हैं. उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से बचाव और पुनर्वास कार्यों में मदद करने की अपील की थी.
मणिपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलेंगे
असम के बाद राहुल मणिपुर का दौरा करेंगे. मणिपुर के जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल में हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे. इसके अलावा राहत शिविरों का दौरा करेंगे और पीसीसी नेताओं से भी मिलेंगे. लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए जनता का धन्यवाद करेंगे. मणिपुर की दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. यह उनका मणिपुर का तीसरा और पूर्वोत्तर में नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला दौरा है.
मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की चपेट में है. छह जून को हिंसा की हालिया घटना हुई थी. राहुल ने लोकसभा में भी मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया था. राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी हर जगह गए लेकिन मणिपुर नहीं गए. पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा के बाद मणिपुर में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे.
ये हिंसा तब भड़की थी जब मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था. मणिपुर में जातीय हिंसा को शांत कराने के लिए न जाने कितने जतन किए गए पर मामला अब भी गंभीर है.