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डिग्रियां फर्जी पाये जाने पर प्रभारी प्राचार्य गया जेल,विजयराघवगढ़ के सिनगौड़ी – डोकरिया स्कूल का मामला

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डिग्रियां फर्जी पाये जाने पर प्रभारी प्राचार्य गया जेल

विजयराघवगढ़ के सिनगौड़ी – डोकरिया स्कूल का मामला

26 साल से शिक्षा विभाग में दे रहा था सेवाएं

कटनी। बीएससी,बीएड और एमए की फर्जी डिग्रियां हासिल करके एक जालसाज ने न केवल शिक्षा विभाग के वर्ग एक में चयनित होकर व्याख्याता पद पर नियुक्ति प्राप्त करली बल्कि पदोन्नति का लाभ लेकर प्रभारी प्राचार्य भी बन गया। 2012 में इस जालसाज व्याख्याता के विरुद्ध डीईओ,सीईओ जिला पंचायत सहित कलेक्टर से भी शिकायत की गई पर कार्रवाई तो दूर किसी जिम्मेदार अधिकारी ने जांच कराना तक जरूरी नहीं समझा। मामला आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा तक होते हुए पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने जांच में सारी डिग्रियां फर्जी पाते हुए आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420,467,468 एवं 471 के तहत अपराध दर्ज कर न्ययालय में चालान पेश किया। 9 साल तक चली सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायालय ने दोष सिद्ध हो जाने पर आरोपी को 5 साल के कारावास और 3 – 3 हज़ार के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। न्यायालय के फैसले के बाद बीते सप्ताह आरोपी प्रभारी प्राचार्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चिल्हारी जिला उमरिया निवासी अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने सत्र 1998 में जिला पंचायत शहडोल में संविदा शिक्षक वर्ग 1 के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ बीएससी,बीएड और एमए अर्थ शास्त्र प्रथम श्रेणी की अंकसूचियां लगाई थीं। काउंसिलिंग के बाद उसका चयन हो गया और पहली पदस्थापना मानपुर हायर सेकेंडरी स्कूल में व्याख्याता के रूप में हो गई। तब तक मानपुर शहडोल जिले का हिस्सा था। 1998 में ही सरकार ने उमरिया को नया जिला घोषित कर दिया। उमरिया जिला बनने के बाद अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी ने अपना तबादला अमरपुर हायर सेकेंडरी स्कूल करा लिया। कुछ ही समय बाद उसने उमरिया जिला भी छोड़ दिया और अपना तबादला कटनी जिले के सिनगौड़ी हायर सेकेंडरी स्कूल में करा लिया। सेवा के दौरान पदोन्नति का लाभ लेकर वह प्रभारी प्राचार्य बन गया। वर्तमान में उसकी पदस्थापना डोकरिया हायर सेकेंडरी स्कूल में थी।

डिग्रियों में सत्र को लेकर हुआ था संदेह
अखिलेश्वर नाथ की शिकायत करने वाले गोविंद प्रसाद तिवारी के अनुसार अखिलेश्वर नाथ ने जो शैक्षणिक दस्तावेज दिए थे उनमें बीएससी 1994 में झांसी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से, बीएड 1995 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से और एमए 1996 में उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से दर्शाया गया था। डिग्रियों के बीच के अंतर को लेकर जब सन्देह हुआ तो गोविंद तिवारी द्वारा सत्र 2012 में इसकी लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी उमरिया,, सीईओ जिला पंचायत उमरिया और कलेक्टर उमरिया से की गई पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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न्यायालय में 9 साल चली सुनवाई
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा अखिलेश्वर नाथ के विरुद्ध शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद शिकायतकर्ता गोविंद तिवारी ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो को इस सम्बंध में शिकायत भेजी जहां से 2013 में एस पी उमरिया को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया। एसपी ने थाना इंदवार को जांच के लिए निर्देशित किया। प्राथमिक जांच में ही मामला संदिग्ध पाये जाने पर इंदवार थाना जिला उमरिया में अखिलेश्वर नाथ के विरुद्ध धारा 420,467,468 और 471 के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस ने अंक सूचियां और डिग्री जारी करने वाले संस्थानों से जानकारी एकत्र की। अन्य जरूरी साक्ष्य भी जुटाये। दो साल की जांच के बाद पुलिस ने अक्टूबर 2015 में अपर सत्र न्ययालय उमरिया में चालान पेश किया। 9 साल तक चली सुनवाई के बाद बीते 7 अक्टूबर को अपर सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया जिसमें आरोपी अखिलेश्वर नाथ को धारा 420,467,468,471 के तहत दोषी पाते हुए प्रत्येक धारा में 5 – 5 साल की सज़ा और 3 – 3 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है। सभी सजाएं एक साथ चलने के कारण आरोपी को कुल 5 साल जेल में रहना होगा।

 

डीईओ ने कार्रवाई के लिए आयुक्त को लिखा पत्र

जिले के डोकरिया हायर सेकंडरी स्कूल में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य अखिलेश्वर नाथ द्विवेदी को फर्जी डिग्री मामले में सजा और जेल भेजे जाने की पुष्टि करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी पी पी सिंह ने बताया कि मामला शहडोल – उमरिया जिले से जुड़ा था। पूरे मामले की जानकारी आयुक्त लोक शिक्षण को प्रेषित कर दी गई है। आरोपी प्रभारी प्राचार्य की बर्खास्तगी का निर्णय आयुक्त को ही लेना है।

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Rohit Sen

15 वर्षों से प्रिंट एवं डिजीटल मीडिया में कार्य का अनुभव वर्तमान में यशभारत डॉट कॉम में जिला प्रतिनिधि

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