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पुतिन को रिसीव करने पालम एयरपोर्ट पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी: 25 साल पुरानी केमिस्ट्री का दिखेगा मजबूत संदेश

पुतिन को रिसीव करने पालम एयरपोर्ट पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी: 25 साल पुरानी केमिस्ट्री का दिखेगा मजबूत संदेश

पुतिन को रिसीव करने पालम एयरपोर्ट पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी: 25 साल पुरानी केमिस्ट्री का दिखेगा मजबूत संदेश।भारत और रूस लंबे समय से एक दूसरे के ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों के बीच इन संबंधों को एक नई ऊंचाई दी है। लेकिन मुख्य रूप से दोनों गहरे दोस्तों के बीच यह दोस्ती रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद तक सिमटी हुई है।

इसका लाभ भी एक तरफा रूस को ही मिलता रहा है। जबकि अमेरिका और यूरोप रूस के साथ तमाम विवादों के बाद भी उसके बड़े व्यापारिक साझेदार बने हुए हैं। भारत और रूस की इस दोस्ती को और गहरा करने के लिए दोनों ही देशों ने अपने बीच होने वाले व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन यह लक्ष्य कैसे हासिल होगा और इसका लाभ किसे मिलेगा?।

दोनों देशों के बीच इस समय करीब 63.6 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। लेकिन दोनों ही देशों के नेता इस बात के लिए उत्सुक हैं कि यह व्यापार अगले पांच वर्षों में 100 बिलियन डॉलर तक ले जाया जाए। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में हिस्सेदारी और निवेश बढ़ाने की आवश्यकता होगी। इंडियन-रसियन बिजनेस फोरम के मंच पर जब रूसी पुतिन भाग लेंगे, तब यह उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।

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