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आयुध निर्माणी दिवस आयुध निर्माणी कटनी में धूमधाम से संपन्न

आयुध निर्माणी दिवस आयुध निर्माणी कटनी में धूमधाम से संपन्

भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2021 को देश की 41 आयुध निर्माणियों को सात 7 रक्षा संस्थानों में परिवर्तित करते हुए निगमीकरण किया था निर्माणियों के निगमीकरण होने/निजीकरण की तेज आहट के चलते इन संस्थानों के ट्रेड यूनियन्स फैडरेशन ने अमूमन इस दिवस को आयुध निर्माणी बचाओ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 18 मार्च 2022 को लिया था और तब से आज तक इसी के लिए अपनी-अपनी क्षमताओं के अनुरूप लगातार संघर्ष जारी  है !देश को आयुध,अस्त्र-शस्त्रों की आपूर्ति करने वाले रक्षा संस्थानों के द्वारा आज के दिन 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।

आयुध निर्माणी कटनी में भी सभी यूनियन, एसोसिएशन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से आयुध निर्माणी दिवस कैंटीन परिसर में धूमधाम से मनाया गया आयुध निर्माणी कटनी के अधिकारी, यूनियन, एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें (निर्माणी को) निगम जरूर बना दिया गया है किंतु हम कॉर्पोरेशन में नहीं गए हैं आयुध निर्माणी हमारी व देश की पहचान है और हम आखरी दम तक लड़ते रहेंगे कर्मचारी कभी भी अपनी स्वेच्छापूर्वक कॉरपोरेशन स्वीकार नहीं करेगा यह देश की सुरक्षा अस्मिता का सवाल है। हमारी लड़ाई जमीन से लेकर उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय तक जारी है और जारी रहेगी

देश की रक्षा की चौथी भुजा कहे जाने वाले तमाम आयुध कारखानों के साथ ही आयुध निर्माणी बोर्ड कोलकाता में “ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे ” हर साल 18 मार्च को भारत भर में मनाया जाता रहा है। कोसीपुर, कोलकाता में स्थित भारत की सबसे पुराने पहली आयुध निर्माणी फैक्ट्री में आयुध उत्पादन कार्य 18 मार्च 1802 को शुरू किया गया था। ऑर्डनेंस फैक्ट्री, फील्ड गन फैक्ट्री, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री और ऑर्डनेंस उपकरण फैक्ट्री इस दिन को महान धूमधाम के साथ आयुधायन में मनाते आये हैं । सभी श्रेणियों के कर्मचारी विभिन्न संगठित आयोजनों में भाग लेते रहे हैं। इस दिन पूरे भारत में प्रदर्शनियों में बंदूकों,गोला- बारूद, राइफल्स,आर्टिलरी इत्यादि के प्रदर्शन का स्मरण किया जाता रहा है। प्रदर्शनी आमतौर पर सभी के लिए खुली रहती थीं। समारोह की शुरुआत परेड के साथ की जाती थी। इसके अलावा प्रदर्शनी में कई पर्वतारोहण अभियानों की तस्वीर भी प्रदर्शित होती रहीं हैं। किन्तु बीते चार -पांच सालों या यों कहें कि 2021 के बाद से निर्माणियों के निगमीकरण/निजीकरण की तेज आहट के चलते इन संस्थानों के ट्रेड यूनियन्स फैडरेशन ने इस दिवस को आयुध निर्माणी बचाओ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और तभी से देशभर में सभी आयुध कारखाने, आयुध निर्माणी डिपो, आयुध उपस्कर निर्माणियां आदि सभी खुद को बचाये रखने को लेकर सशंकित होकर अपने अस्तित्व को महफूज़ रखने सतत् संघर्षरत हैं।

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