Breaking
9 Nov 2024, Sat

Obesity: मोटापा ग्रस्त महिलाएं हो जाएं सावधान, हृदय रोगों के अलावा इस जानलेवा समस्या का भी हो सकती हैं शिकार

...

Obesity :  शरीर का वजन अधिक होना या मोटापे की समस्या को कई प्रकार की गंभीर और क्रोनिक बीमारियों का कारण माना जाता रहा है। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला हों या पुरुष मोटापे की स्थिति सभी के लिए खतरनाक हो सकती है। इसी से संबंधित एक हालिया अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महिलाओं में अधिक वजन की समस्या को गंभीर बताते हुए इसे कंट्रोल में रखने की सलाह दी है।

स्ट्रोक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि जो महिलाएं 15 से 30 की उम्र में अधिक वजन वाली या मोटापे की शिकार होती हैं, उनमें 55 की उम्र से पहले इस्केमिक स्ट्रोक होने का जोखिम अधिक हो सकता है। हालांकि इसी उम्र के पुरुषों में मोटापे के कारण इतना जोखिम नहीं देखा गया है। शोध के निष्कर्ष के आधार पर विशेषज्ञों ने कहा है कि कम उम्र से ही वजन को कंट्रोल रखने के लिए प्रयास जरूरी हैं। किशोरावस्था (13-18 की आयु) के बाद अगर वजन कम भी करते हैं तो भी स्ट्रोक का खतरा समाप्त नहीं होता इसलिए बचपन से ही वजन पर ध्यान देते रहना जरूरी है।

इस्केमिक स्ट्रोक का जोखिम

गौरतलब है कि रक्त का थक्का (जिसे थ्रोम्बस के रूप में जाना जाता है) बनने के कारण मस्तिष्क की ओर जाने वाली धमनी के अवरुद्ध होने से इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है। मोटापे के शिकार लोगों में थक्का बनने का जोखिम अधिक होता है और इससे स्ट्रोक के अलावा हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। स्ट्रोक को जानलेवा समस्या माना जाता है।

इसे भी पढ़ें-  Thekuaa banana sikho: छठ पूजा के लिए घर पर आसानी से बनाएं ठेकुआ, यहां जानें रेसिपी

ये अध्ययन फिनलैंड में किया गया। साल 1980 से 2020 तक किए गए इस अध्ययन में 50 वर्ष की आयु के 10,491 लोग शामिल थे, जिनमें से 49% महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने 14 और 31 या दोनों उम्र में इनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) मापा। इनमें 20 में से एक प्रतिभागी में थक्का बनने और इसके कारण स्ट्रोक का खतरा देखा गया।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

न्यूयॉर्क में नॉर्थवेल हेल्थ-साउथ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी डिवीजन के निदेशक डॉ. एंड्रयू रोगोव कहते हैं, 14 और 31 वर्ष की आयु में अधिक वजन वाली महिलाओं में पुरुषों की तुलना में स्ट्रोक की आशंका अधिक देखी गई।

Obesity :अमेरिका में साल 2019 में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रोक से 55,000 अधिक मौतें हुईं। यह खतरा हार्मोनल परिवर्तनों और मौखिक गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन के कारण हो सकता है। कई और जोखिम कारक हैं जो महिलाओं में स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देते हैं।

READ MORE : http://DOW JONES अमेरिका में मंदी का डर; भारतीय आईटी सेक्टर की बढ़ी चिंताएं, शेयरों में भारी गिरावट

एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर, विशेषकर धूम्रपान करने वाली महिलाओं में।
पहली माहवारी 10 वर्ष या उससे कम उम्र में या 17 वर्ष से अधिक उम्र में होना।
मेनोपॉज समय से पहले होना (45 वर्ष की आयु से पहले)
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग।
गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं या मधुमेह का खतरा।

स्ट्रोक के खतरे से कैसे बचें?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि अधिकांश स्ट्रोक को स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से रोका जा सकता है। कम उम्र से वजन को कंट्रोल रखना सबसे जरूरी है। इसके अलावा यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, यहां तक कि हर घंटे 10 मिनट तक घूमना भी बैठने से बेहतर है। रक्तचाप-शुगर को नियंत्रित रखें और स्वस्थ आहार लें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, किशोरावस्था या युवावस्था के दौरान अधिक वजन की शिकार महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए समय पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप भी कम उम्र में ही अधिक वजन की शिकार हैं तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।