अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेगा धान: पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही मिलेगी MSP
अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेगा धान: पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही मिलेगी MSP

अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेगा धान: पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही मिलेगी MSP। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत इस बार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आइडी पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेगा धान: पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही मिलेगी MSP
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बिना फार्मर आइडी के किसान न तो सहकारी समिति में धान बेच सकेंगे और न ही फसल बीमा या पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त है।
राज्य शासन द्वारा एग्रीस्टेक परियोजना के तहत इस बार किसानों के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब धान बिक्री, बीमा और किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आइडी पंजीकृत कराना जरूरी होगा। यदि कोई किसान पंजीयन नहीं कराता है, तो वह न केवल धान बेचने से वंचित रहेगा बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
बिलासपुर जिले के 1,55,366 किसानों में से केवल 67,861 किसानों (43.68%) ने अब तक पंजीयन कराया है। बाकी 87,505 किसान अभी तक पंजीयन से वंचित हैं। ऐसे किसान न केवल धान खरीदी से वंचित हो सकते हैं, बल्कि पीएम किसान योजना की किस्त और फसल बीमा का लाभ भी नहीं ले सकेंगे।
पंजीयन प्रक्रिया:
किसान निकटतम लोक सेवा केंद्र (CSC), सहकारी समिति या एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से स्वयं भी पंजीयन कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद 11 अंकों की यूनिक फार्मर आइडी जारी की जाएगी, जो उनकी भविष्य की योजनाओं में डिजिटल पहचान होगी।
पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- बी-1 खतौनी
- ऋण पुस्तिका
- आधार कार्ड
- आधार लिंक मोबाइल नंबर
- फार्मर आइडी पंजीयन के लाभ:
- योजनाओं में दोहराव की रोकथाम
- फसल, भूमि, बीमा और ऋण का डिजिटल रिकॉर्ड
- सरकारी सहायता की पारदर्शिता
प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व चेतावनी व्यवस्था
कृषि उप संचालक,पीडी हथेश्वर ने कहा कि “राज्य शासन एग्रीस्टेक के माध्यम से किसानों की प्रोफाइल को एकीकृत कर रहा है, ताकि सभी योजनाओं का लाभ ई-केवाईसी के साथ पारदर्शी रूप से मिल सके। कृषि विभाग ने शेष किसानों से 30 अगस्त तक अनिवार्य रूप से पंजीयन कराने की अपील की है।”
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