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राफेल और S400 के लिए मोदी सरकार ने सुनी थी खरी खोटी अब मचा रहे दुश्मन की तबाही

राफेल और S400 के लिए मोदी सरकार ने सुनी थी खरी खोटी अब मचा रहे दुश्मन की तबाही

पाकिस्तान ने बीते दो दिनों में एक के बाद एक कई मिसाइल और ड्रोन से हमला किया है. लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन हमलों को बेअसर कर दिया और वहीं पाकिस्तान में भारत ने आतंकी ठिकानों को जमकर निशाना बनाया है.

राफेल जेट्स की शक्ति
भारत ने 2020 से फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे, जिससे भारत की वायु शक्ति में काफी वृद्धि हुई. SCALP मिसाइलों से लैस राफेल जेट्स का उपयोग करके भारत ने पाकिस्तान के अंदर लगभग 100 किलोमीटर गहराई में बहावलपुर को निशाना बनाया, और यह बिना राफेल को सीमा पार किए संभव हुआ. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने राफेल खरीद को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ़ एक बड़ा राजनीतिक हमला किया था, जिसमें राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनावों के दौरान इसे घोटाला तक करार दिया था. हालांकि, मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए पीछे नहीं हटी. सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे को लेकर की गई कानूनी चुनौतियों को खारिज कर दिया, जिसमें निर्णय लेने की प्रक्रिया या राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत में कोई अनियमितता नहीं पाई गई.

एयर डिफेंस को मजबूत करने का फैसला
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत जानता था कि पाकिस्तान और चीन के खिलाफ हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए S-400 कितना महत्वपूर्ण है. अब तक तीन स्क्वाड्रन S-400 आ चुके हैं और तैनात किए जा चुके हैं, और इस साल और भी आने की उम्मीद है. यह सिस्टम 600 किलोमीटर तक कई हवाई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है. भारतीय वायु सेना में इसे ‘सुदर्शन चक्र’ कहा जाता है.

इन दोनों ही कामों में दो हथियार बहुत ही कारगर साबित हुए हैं. एक रूस का S-400 सिस्टम और दूसरा राफेल जेट्स, जो कि SCALP मिसाइलों के साथ लैस था. ये दोनों हथियार भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं. बाहरी और आतंरिक दबाव का सामना करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने इन्हें कुछ साल पहले भारत के शस्त्रागार में शामिल किया था।

8 और 9 मई की रात को पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा किए गए बड़े हमले को भारत ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया. इस दौरान S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की अहमियत फिर से साबित हुई. S-400 और आकाश डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को प्रभावी ढंग से रोका. ये हमले श्रीनगर, जम्मू शहर से लेकर जैसलमेर तक कई स्थानों पर किए गए थे.

S-400 सिस्टम की खरीद में अमेरिकी दबाव
साल 2018 में मोदी सरकार ने रूस से $5 बिलियन की डील में S-400 डिफेंस सिस्टम खरीदने का फैसला किया, जिसके लिए अमेरिका ने दबाव डाला. अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह भारत को रूस से S-400 खरीदने से रोक रहा है. ट्रंप प्रशासन ने तो प्रतिबंधों की धमकी भी दी थी.

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