मलयालम फिल्म उद्योग में ‘मी टू : मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं पर अत्याचार को सामने लाने वाली हेमा समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के कुछ दिनों के भीतर और अधिक महिलाएं अपनी आपबीती उजागर कर रही हैं और महिलाओं को प्रताड़ित करने वालों की मुश्किलें शुरू हो गई हैं।
रविवार को वरिष्ठ अभिनेता सिद्दीक ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ काम कर चुकी एक वरिष्ठ अभिनेत्री ने आरोप लगाया है कि युवावस्था में उन्होंने अभिनेत्री के साथ बलात्कार किया था। रविवार को ही केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष और निर्देशक रंजीत ने भी इस्तीफा दे दिया। बंगाली अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने उनपर इल्जाम लगाया है कि उन्होंने 2009 में उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।
मित्रा ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया लेकिन बिज़नेस स्टैंडर्ड ने फिल्म जगत से जुड़ी कई अन्य महिलाओं से बात की जिन्होंने संकेत दिया कि उक्त रिपोर्ट के बाद मलयालम फिल्म उद्योग में साफ-सफाई होगी। कई अन्य महिलाओं ने अपने साथ गलत व्यवहार की बात कही है।
मलयालम फिल्म उद्योग में ‘मी टू तीन सदस्यों वाली समिति की 290 पृष्ठों में विस्तारित इस अनूठी रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय फिल्म उद्योग ‘ताकतवर पुरुषों के गिरोह’ का दबदबा है और यहां ‘महिलाओं का यौन शोषण आम है।’ रिपोर्ट के अनुसार उद्योग महिलाओं के काम करने के लिहाज से अनुकूल नहीं है। इसमें समान काम के लिए महिला-पुरुषों के वेतन में भारी असमानता का भी उल्लेख है। फरवरी 2017 में एक प्रमुख अभिनेत्री पर यौन हमले के बाद इस समिति का गठन किया गया। समिति में उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हेमा, वरिष्ठ अभिनेता शरद और सेवानिवृत्ति अफसरशाह केबी वल्सला कुमारी शामिल हैं।
मलयालम फिल्म उद्योग में ‘मी टू फिल्म जगत की एक हस्ती ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘जब मैं 16 साल की थी तब एक प्रमुख निर्देशक ने मुझसे एडजस्ट करने (यहां इससे आशय यौन प्रस्ताव से है) को कहा था। मैंने वह फिल्म छोड़ दी। उसने मुझे धमकी दी कि मैं कभी फिल्मों में काम नहीं कर पाऊंगी। कई साल बाद 2013 में उसी निर्देशक काम के सिलसिले में दोबारा मुझसे संपर्क किया और मैंने फिर इनकार कर दिया। महिलाओं को भी मजबूत होना चाहिए।’
अभिनेत्री, फिल्मकार और वीमन इन सिनेमा कलेक्टिव के संस्थापकों में शामिल रेवती ने उम्मीद जताई कि रिपोर्ट से भारतीय सिनेमा में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यह एक कार्यस्थल है और हमारा उद्योग अंतरराष्ट्रीय पहचान रखता है। इसके बावजूद हमें सुरक्षित कार्यस्थल चाहिए। इसलिए यह रिपोर्ट अहम है। महिलाओं को सामने आने का मंच मिलना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को मजबूत और पुरुषों को संवेदनशील बनाने की जरूरत पर भी बल दिया। रेवती ने कहा कि हमें समुचित आंतरिक शिकायत समिति की जरूरत है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि हमला करने वाले चाहे जितने भी ताकतवर हों उन्हें कठघरे में खड़ा किया जाएगा। गुरुवार को केरल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर रिपोर्ट में आरोपित व्यक्तियों के विरोध प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई। न्यायालय ने सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी है।