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खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सख्ती: दुर्घटना होने पर जमीन मालिक और खनन एजेंसी जिम्मेदार होंगे, 10 साल तक की जेल
खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सख्ती: दुर्घटना होने पर जमीन मालिक और खनन एजेंसी जिम्मेदार होंगे, 10 साल तक की जेल

खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सख्ती: दुर्घटना होने पर जमीन मालिक और खनन एजेंसी जिम्मेदार होंगे, 10 साल तक की जेल। मध्य प्रदेश में अब बोरवेल खुला छोड़ने के कारण कोई दुर्घटना हुई तो भूस्वामी और खनन एजेंसी के जिम्मेदार व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता के तहत दो से 10 वर्ष तक कैद और अर्थदंड दोनों हो सकता है।
खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सख्ती: दुर्घटना होने पर जमीन मालिक और खनन एजेंसी जिम्मेदार होंगे, 10 साल तक की जेल
बोरवेल या ट्यूबवेल खनन के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से ऑनलाइन अनुमति लेनी होगी। ऐसा न करने पर अर्थदंड व कैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
यदि असफल बोरवेल बंद नहीं किए गए, तो संबंधित एजेंसी पर प्रथम अपराध के लिए 10 हजार रुपये और इसके बाद हर अपराध के लिए 25 हजार रुपये अर्थदंड लगाया जाएगा।
बोरवेल के पास लगाना होगा ऐसा साइन बोर्ड
- बोरवेल के पास भूस्वामी व खनन एजेंसी को संपर्क नंबर, पूरा पता विवरण के साथ साइन बोर्ड लगाना होगा। ये नियम खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा अधिनियम-2024 के तहत बनाए गए हैं।
- नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार इतने कड़े नियम बनाने वाला मध्य प्रदेश संभवतः पहला राज्य है। इसके अनुसार बोरवेल खोदाई से कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा उपाय करने होंगे।
- खनन स्थल के चारों ओर कांटेदार बाड़ या अन्य अवरोध लगाना होना। केसिंग पाइप के चारों ओर कांक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण करना होगा। वेल्डिंग द्वारा या नट-बोल्ट से केसिंग पाइप पर स्टील प्लेट का मजबूत ढक्कन से बंद करना होगा।
- नए कानून में बिना अनुमति बोरवेल खनन करवाने वाले के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर शिकायत कर सकेगा। शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को पुरस्कृत किया जाएगा।
- खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सख्ती: दुर्घटना होने पर जमीन मालिक और खनन एजेंसी जिम्मेदार होंगे, 10 साल तक की जेल