क्रिएटिनिन और प्रोटीन बढ़ने से किडनी पर असर: जानें क्यों और कैसे करें कंट्रोल
क्रिएटिनिन और प्रोटीन बढ़ने से किडनी पर असर: जानें क्यों और कैसे करें कंट्रोल

High Creatinine and Protein in Kidney: क्रिएटिनिन और प्रोटीन बढ़ने से किडनी पर असर: जानें क्यों और कैसे करें कंट्रोल। जब कभी आप किडनी की जांच कराते हैं तो कई बार किडनी में प्रोटीन और क्रिएटिनिन की मात्रा अधिक पायी जाती है।
बहुत से लोगो को पता नहीं होता कि प्रोटीन और क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने का मतलब क्या होता है. ऐसे में लोग घबरा जाते है।
आमतौर पर इसका सीधा संकेत किडनी की समस्या का संकेत होता है. इसलिए समझना जरुरी है कि प्रोटीन और क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने के पीछे क्या कारण होता है और क्या ये खतरनाक होता है?।
सबसे पहले ये समझना चाहिए कि प्रोटीन और क्रिएटिन का संबंध क्या होता है. आपको बता दें कि किडनी हमारे खून को फिल्टर करने का काम करती है और जरूरी प्रोटीन को शरीर में स्टोर करके रखती है।
जब किडनी सही से फिल्टर नहीं कर पाती तो प्रोटीन और क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है. इसको सही समय पर जांच में पकड़ा न जाए तो किडनी फेलियर की समस्या बढ़ने लगती है।
किडनी में प्रोटीन और क्रिएटिनिन क्यों बढ़ता है?
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि समस्या तब आती है जब किडनी सही से काम नहीं करती तो प्रोटीन पेशाब में लीक होने लगता है जिसे प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) कहते हैं. इसके साथ क्रिएटिनिन वो वेस्ट प्रोडक्ट होता है जिसे किडनी साफ करके पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती है. जब किडनी सही से फिल्टर नहीं कर पाती तो क्रिएटिनिन की मात्रा खून में बढ़ती जाती है।
किडनी में प्रोटीन और क्रिएटिनिन क्यों बढ़ जाते हैं?
- इनके बढ़ने से किडनी की कई सारी समस्याएं हो सकती है जैसे- क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD), ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस या नेफ्रोटिक सिंड्रोम. डायबिटीज और हाई BP की समस्या में भी किडनी को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं. इसके साथ ही शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर भी क्रिएटिनिन अस्थायी रूप से बढ़ सकता है.
- ज़्यादा प्रोटीन वाला डाइट और सप्लीमेंट्स, बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट्स या नॉन-वेज ज़्यादा खाने से भी असर पड़ सकता है. कुछ एंटीबायोटिक, दर्द निवारक दवाइयों के कारण क्रिएटिन की समस्या बढ़ जाती है.
कैसे करें कंट्रोल?
अपनी डाइट में बदलाव करें, नमक की मात्रा खाने में कम करें. तली भुनी चीजें और प्रोसेस्ड फूड कम खाएं. डायट में अगर प्रोटीन के सप्लीमेंट बढ़ा रहे हैं तो एक बार शरीर की जरूरत के अनुसार सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें. साथ ही पानी की कमा न होने दें. पानी पीते रहेंगे तो किडनी ठीक से अपना फिल्टर का काम करती रहेगी।
कौन सी जांच कराएं
- ब्लड टेस्ट (Serum Creatinine, Urea) कराएं.
- Urine Test (Protein, Albumin) करते रहें.
- किडनी अल्ट्रासाउंड भी समय-समय पर कराना जरूरी है.
- किसी भी तरह की दवा खुद से न लें.
- नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी स्पेशलिस्ट) की सलाह जरूरी है।