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Kartik Purnima Date, Time Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा की कथा और महत्व: जानें इस दिन के पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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Kartik Purnima Date, Time Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा की कथा और महत्व: जानें इस दिन के पूजा विधि और शुभ मुहूर्त। कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु पूजा करने और पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं।

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हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए बहुत ही उत्तम दिन माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा को सभी देवी-देवता धरती पर आते हैं और गंगा घाट पर दिवाली मनाते हैं. इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था. जिसकी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन स्नान दान करने के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

कार्तिक पूर्णिमा तिथि (Kartik Purnima 2024 Date)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगी. वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 16 नवंबर सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी.

कार्तिक पूर्णिमा स्नान दान का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2024 Snan Daan Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 58 मिनट से लेकर 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. साथ ही इस दिन चंद्रोदय शाम 4 बजकर 51 मिनट पर होगा.

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देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, देव दीपावली पर प्रदोष काल मुहूर्त 15 नवंबर को शाम 5 बजकर 10 मिनट से लेकर 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. ऐसे में पूजा के लिए कुल 2 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा.

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें, घर की साफ-सफाई करें. उसके बाद स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें, यदि संभव हो तो इस पवित्र नदी में स्नान करें. उसके बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. भगवान विष्णु जी को गंध, पुष्प, फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें. मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु जी के मंत्रों का जप करें. व्रत कथा का पाठ करें. उसके बाद गरीब लोगों में दान करना शुभ माना जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Significance)

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने राक्षसों ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था. इस दिन स्नान दान के साथ दीप दान का भी विशेष महत्व हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. इसके अलावा यह दिन भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।Kartik Purnima Date, Time Puja Vidhi: कार्तिक पूर्णिमा की कथा और महत्व: जानें इस दिन के पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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Usha Pamnani

20 वर्षों से डिजिटल एवं प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता में देश-विदेश, फ़िल्म, खेल सहित सामाजिक खबरों की एक्सपर्ट, वर्तमान में यशभारत डॉट कॉम में वरिष्ठ जिला प्रतिनिधि

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