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विजयराघवगढ़ किले के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में कर्मचारियों ने बांधा उल्टा तिरंगा, नजर पड़ते ही मुख्य अतिथि संजय सत्येंद्र पाठक ने सुधरवाई गलती और फिर किया सीधे तिरंगे का ध्वजारोहण, कार्यक्रम के बाद कलेक्टर को पत्र लिखकर किया ध्वज उल्टा बांधने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग

विजयराघावगढ/कटनी(YASHBHARAT.COM)। जिले के विजयराघवगढ़ किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के शासकीय समारोह में जिम्मेदार कर्मचारियों के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज(तिरंगे) को उल्टा बांध दिया गया था। चूंकि इस शासकीय कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येंद्र पाठक बतौर मुख्य अतिथि के रूप नियत समय पर ध्वजारोहण करने पहुंचे। ध्वज में बंधी रस्सी खींचते ही जैसे ध्वज फहरा और मुख्य अतिथि संजय सत्येंद्र पाठक ने राष्ट्रगान के बीच ध्वज को सलामी देने नजर ऊपर की तो उन्हें ध्वज उल्टा फहरा नजर आया लेकिन राष्ट्रगान के बीच विधायक श्रीपाठक सावधान खड़े होकर राष्ट्रगान के सम्मान में हिले नहीं और जैसे ही राष्ट्रगान समाप्त हुआ मुख्य अतिथि श्रीपाठक ने कार्यक्रम रोक कर ध्वज सही बंधवाया और फिर ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। विधायक पाठक ने इसे राष्ट्रीय ध्वज संहिता का उल्लंघन और गंभीर लापरवाही बताया। उन्होंने कार्यक्रम के तुरंत बाद 15 अगस्त को ही कलेक्टर कटनी को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की। पत्र में विधायक ने उल्लेख किया कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि साजिश की आशंका भी प्रतीत होती है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो। विधायक ने कहा कि राष्ट्रध्वज हमारे स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक है, इसके साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही असहनीय है।
इसलिए लगा एआई एंगल
विजयराघवगढ़ किले में विधायक एवं पूर्वमंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक के द्धारा किए गए ध्वजारोहण की जो फोटो और वीडियो भेजे गए, उनमें ध्वजारोहण सही था। वहीं सोशल मीडिया में कुछ तथाकथित पत्रकारों के द्धारा उल्टा ध्वजारोहण की खबर वायरल की जा रही थी। इसलिए लगा कि कहीं एआई तकनीक का उपयोग कर सिर्फ श्रीपाठक के विरोध में खबर चलाने तो ऐसा नहीं किया जा रहा क्योंकि आजकल कुछ तथाकथित पत्रकार दिन रात श्रीपाठक को न केवल पानी पी पी कर कोस रहे हैं बल्कि श्रीपाठक के विरोधियों से ले देकर जबरन की खबरे सोशल मीडिया पर चला कर अपनी पीठ थप थपाते रहते हैं। बहरहाल श्रीपाठक के कलेक्टर को पत्र लिखने के साथ ही एआई एंगल वाली बात साफ हो गई कि गलती ध्वज बांधने वाले कर्मचारियों की थी और नकारात्मक उर्जा वाले पत्रकार सिर्फ श्रीपाठक को टारगेट करके खबर चला रहे थे।
ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा की खबर से परहेज
वैसे पत्रकार का काम होता है कि सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह की खबरों को समाज के सामने लाए लेकिन कटनी शहर में ऐसा नहीं है। नकारात्मक उर्जा से परिपक्व कुछ तथाकथित पत्रकार श्रीपाठक के संबंध में केवल और केवल नकारात्मक खबरों को ही अपने यूटयूब चैनल व पोर्टल पर चलाते हैं। ध्वजारोहण के घटनाक्रम के बाद विधायक श्रीपाठक के नेतृत्व में विजयराघवगढ़ किले से लेकर बरही तक ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा निकाली गई लेकिन इस तिरंगा यात्रा की खबर नकारात्मक सोच वाले पत्रकारों के यूटयूब चैनल व पोर्टल से गायब रही। हां ध्वजारोहण उल्टा होने की खबर शायद अगले स्वतंत्रता दिवस तक जरूर चलती रहेंगी।
ध्वजारोहण को लेकर जागरूकता अभियान की जरूरत
बार-बार उल्टा ध्वजारोहण की घटनाओं से सबक लेते हुए अब ध्वजारोहण को लेकर जन जागरूकता अभियान की जरूरत भी है। खासकर उन कर्मचारियों को खास तरह का प्रशिक्षण 15 अगस्त व 26 जनवरी के पूर्व दिया जाना चाहिए वो शासकीय कार्यक्रमोंं में ध्वज बांधने का काम करते हैं।

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