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दिवाली पर ट्रंप के टैरिफ का तोड़ -लोकल से ग्लोबल, जानि‍ए कैसे

दिवाली पर ट्रंप के टैरिफ का तोड़ -लोकल से ग्लोबल, जानि‍ए कैसे

दिवाली पर ट्रंप के टैरिफ का तोड़ -लोकल से ग्लोबल, जानि‍ए कैसे। अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ ने देश के कई उद्योगों को चिंता में डाल दिया है. अगर टैरिफ लंबे समय तक रहा तो कई लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. हालांकि, लोग अगर ‘स्वदेशी’ को अपनाएं तो टैरिफ के असर को कम किया जा सकता है।

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दिवाली पर ट्रंप के टैरिफ का तोड़ -लोकल से ग्लोबल, जानि‍ए कैसे

अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ ने देश के कपड़ा, ज्वेलरी और कारपेट उद्योग को चिंता में डाल दिया है. भारत पर 27 अगस्त से अमेरिका का टैरिफ लागू हो गया है. अब भारत से अमेरिका जाने वाले कई सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगेगा. इसका मतलब ये है कि अमेरिका में भारतीय सामान महंगा हो जाएगा, जिससे एक्सपोर्ट कम होने की संभावना है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बिहार जैसी जगहों पर स्थित कारखानों को बहुत सारे ऑर्डर खोने पड़ सकते हैं और लाखों कामगारों की नौकरियां जा सकती हैं. हालांकि, इस समस्या से ‘स्वदेशी दिवाली’ के जरिए निपटा जा सकता है.

दिवाली से पहले शुरू होने वाले वाले फेस्टिव सीजन में देश में व्यापार बढ़ जाता है. अगर इस दिवाली लोग स्वदेशी सामान खरीदें तो इन कारीगरों को नौकरी जाने से बच सकती है. उदाहरण से समझें तो अकेले तमिलनाडु में 75 लाख लोग कपड़ा उद्योग में काम करते हैं. अगर निर्यात में गिरावट आती है, तो लगभग 30 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. झींगा किसानों, कालीन निर्माताओं और जेवर कारीगरों के लिए भी यही खतरा है.

दूसरा रास्ता तलाश रही सरकार

देश की सरकार अमेरिका के टैरिफ के असर को कम करने के लिए नए रास्ते तलाश रही है. सरकार नए बाजार ढूंढ़कर उद्योगों को मदद करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें समय लग सकता है. इस बीच इन कामगारों को भारत के लोगों की सपोर्ट की जरूरत है. लोग इम्पोर्टेट कपड़े या सामान खरीदने के बजाय भारत में बने कपड़े या सामान खरीद सकते हैं. इस तरह कारखाने चलते रहेंगे और कामगार अपनी नौकरियां बचाई जा सकती हैं.

 दिवाली स्वदेशी अपनाकर उनके घरों को भी रोशन कर सकते,ऐसे कर सकते हैं मदद

स्वदेशी सामान खरीदकर लोग उद्योगों की मदद कर सकते हैं. जब हम भारत में बने उत्पाद खरीदते हैं तो उत्तर प्रदेश के कालीन, बिहार के मखाने, आंध्र के झींगे तो हम उन परिवारों की मदद कर रहे होते हैं जो इन नौकरियों पर निर्भर हैं. तो इस दिवाली स्वदेशी अपनाकर उनके घरों को भी रोशन कर सकते हैं.

अमेरिका और भारत दोनों एक बार फिर साथ आ सकते हैं

27 अगस्त से भारत पर लगाया गया अमेरिका का 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है. अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने को लेकर 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया है. हालांकि, टैरिफ या उसका असर खत्म करने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. इस बीच अमेरिका के भी सुर बदलते दिख रहे हैं. एक दिन पहले अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारत दोनों एक बार फिर साथ आ सकते हैं. उन्होंने सफाई दी कि भारत पर टैरिफ सिर्फ रूसी तेल खरीदी को लेकर नहीं लगाया गया.एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार समझौते को लेकर बातचीत के बीच दबाव बनाने की कोशिश भी हो सकती है.

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