
वास्तु डेस्क। घर एक ऐसी जगह है, जहां जाकर आपको शांति महसूस होती है। खुशी का अनुभव होता है। मगर, कई बार जाने अनजाने में आप कुछ ऐसी गलतियां करते हैं, जिससे घर के वातावरण में निगेटिविटी फैल जाती है। इससे कभी-कभी घर के लोगों में क्लेश होता है, या उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
शास्त्रों में जूते-चप्पल को घर के बाहर ही रखने का विधान बताया गया है। जूते-चप्पल पहनकर घर में धार्मिक दृष्टि से अशुभ तो होता ही है, वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह अच्छा नहीं होता है। शास्त्रों के मुताबिक, हर घर में एक मंदिर स्थापित होता है। इस स्थान पर रोज पूजा-पाठ करने से दैवीय शक्तियों का वहां वास हो जाता है। इन जगहों पर जूते पहनकर आने से यह स्थान अपवित्र हो जाता है।
रसोई घर में अन्न, जल, अग्नि तीनों होते हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में देवता माना गया है। रसोई में जूते या चप्पल पहनकर घूमने से ये देवता नाराज हो सकते हैं। इससे अन्न की देवी अन्नपूर्णा भी नाराज होती हैं और अन्न के भंडार में कमी आती है। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें, तो जूतों में कई बैक्टीरिया होते हैं, जो रसोई में पहुंचकर भोजन को दूषित करते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परिवार के लोगों को हो सकती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी यदि घर में गंदगी हो, तो वहां धन हानि और कर्ज आदि की समस्या बनी रहती है। बाहर पहनने वाले जूते-चप्पलों को जब आप घर के भीतर भी पहनते हैं, तो बाहर की नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर जाती है। इससे मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
घर में यदि आप जूते-चप्पल को इधर-उधर फैलाकर रखते हैं, तो यह भी अच्छा नहीं होता है। माना जाता है कि इससे घर में दरिद्रता का वास होता है। इन्हें व्यवस्थित तरीके से पश्चिम दिशा में रखेंगे, तो नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहेगी और शनिदेव की अशुभता से भी बच सकते हैं।