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अघोषित बिजली कटौती से आम उपभोक्ता त्रस्त, ट्रिपिंग की समस्या कर रही हलाकान

कटनी। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पटरी से नीचे उतरी, अधिकांश हिस्सों में अंधकार होना आम बात बनी, आखिर भारी भरकम बजट के साथ मेंटेनस कार्य होने के बावजूद खराबी कैसे आ रही है।

कहा जाता है कि कांग्रेस की दिग्विजय शासन में बिजली एक ऐसा प्रमुख मुद्दा बन गया था कि प्रदेश से विदाई की वजह बन गया था ठीक उन दिनों की याद इन दिनों बिजली विभाग दिला रहा है, लाख मेंटीनेंस के दावों के बावजूद बिजली की अघोषित कटौती से आम उपभोक्ता त्रस्त है जबकि ट्रिपिंग की समस्या हलाकान करके रखा है।

वर्षा काल का समय चल रहा है।क्षेत्र में दो दिन हुई बारिश से विद्युत विभाग के मेंटेनस कार्य की कलई खुलकर सामने आ गई।वर्षा काल के दौर पर जहां बिजली की नितांत आवश्यकता है तो बिजली की अघोषित कटौती से जीवन दूभर हो रहा है।

विकासखण्ड में तेज आंधी और बारिश होने पर अधिकांश हिस्सों में अंधकार होना आम बात है।हाल ही में हुई बारिश के बाद जगह जगह विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई।जिससे गांव अंधेरे में डूबे रहे और अब बारिश थमने के बाद विद्युत अमला जर्जर तारो व खम्बो क़ो सुधारने में लगा है तो दिन में विद्युत आपूर्ति ग्रामीण इलाकों में बाधित हुई।इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली कंपनी का मिस मैनेजमेंट है।

बारिश से पूर्व कंपनी के द्वारा मेंटेनेंस का कार्य किया गया,ताकि बारिश में बिजली गुल होने की नौबत न आए।वर्तमान में रोजाना बिजली गुल होने की शिकायतें सामने आ रही है।विकासखण्ड के तिंगवा,खरगवां, देवरी,बाकल,चाँदनखेडा,मसन्धा,पाकर मोहनिया नीम ,ककरेहटा,हथियागढ़, अमरगढ़ सहित अन्य ग्रामो में प्रतिदिन समस्या सामने आ रही है।बिजली कंपनी की हेल्पलाइन 1912 या फिर ऊर्जस ऐप पर शिकायत के बावजूद बिजली गुल होने की सही वजह पता नहीं चल पाती है।

दिखावा बन गया मेंटेनेंस का कार्य

विकासखण्ड में बिजली आपूर्ति के लिए करीब फीडर है। इनके मेंटेनेंस के लिए हर जोन स्तर पर टीम गठित की गई।इन टीमों की जिम्मेदारी बारिश से पहले तारों व खंबों के आस-पास के पेड़ों की टहनियां छांटने, लाइन दुरुस्त करना, बिजली के खंबो को ठीक करना, खुली डीपी आदि की मरम्मत है। मगर क्षेत्र में कई जगहों पर डीपी खुली है। पेड़ों की शाखाएं बिजली के तारों को छू रही है। डीपी खुली है फिर यह कैसा मेंटेनेंस हुआ ? कई इलाकों में फॉल्ट की शिकायतें मिलती है।घरेलू व कृषि ट्रांसफार्मर खराब पड़े है जिनका सुधारकार्य नही कराया जा रहा।बिजली की कटौती सुबह शाम की जाए तो चल जाये लेकिन दोपहर व रात्रि में कटौती से जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है।

रात्रि के समय कटौती से हर वक्त जहरीले जीव जंतुओं का डर लगा रहता है।कितने समय बिजली कटौती होगी,कितने समय आएगी इसका समय निश्चित नही रहता।बिजली कटौती के संबंध में जानकारी लेने जब विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को फोन लगाया जाता है तो फोन तक रिसीव नही किया जाता।

उपभोक्ताओं को नहीं मिलती कोई सूचना एक ओर बिजली कंपनी बिजली बिल भरने से लेकर पंचनामे तक की कार्रवाई ऑनलाइन कर रही है दूसरी ओर, मेंटेनेंस के लिए बिजली बंद होने की जानकारी ही उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रही है।विद्युत विभाग स्लीमनाबाद के सहायक अभियंता कृष्ण मोहन का कहना था कि अघोषित कटौती नही की जाती है। बारिश के कारण कई जगह विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई।जिस कारण सुधार कार्य कराया जा रहा है।

ग्रामीणों ने घेरा पावर हाउस:16 गांव अंधेरे में

रीठी क्षेत्र के देवगांव विद्युत वितरण केंद्र के निटर्रा फीडर के 16 गांव बिजली विभाग की अफसरशाही के कारण शनिवार को दिन भर आंख मिचौली के बाद रात में अंधेरा कायम हो गया है।
बताया जाता है कि ग्राम निटर्रा में बिजली की केबिल खराब थी सुबह से लाइनमैन उस खराब केबिल के बारे में उच्च अधिकारी को बता चुका था और नई केबिल मांगी लेकिन उच्च अधिकारी ने दबाव बनाया और जबरन खराब केबिल से काम चलाने का आदेश दे दिया बेचारा लाइनमैन उच्च अधिकारी के आदेश को भला कैसे न मानता उसने वही खराब केबिल लगाई और जैसे तैसे बिजली चालू की परंतु केबिल आधे घंटे भी नहीं टिकी और गलकर गिर गई।

अब ग्रामीणों को यह अफसरशाही नागवार गुजरी और वे समूह में पावर हाउस गए और अपना आक्रोश दिखाया और चेतावनी दे डाली कि जबतक नई केबिल नहीं लगाई जाती तब तक फीडर बंद रहेगा।

फीडर में तैनात कर्मचारी भी डर के मारे दुबके रहे इस बीच 16 गांव की लगभग 4 घंटे बिजली बंद रही।11 बजे रात को जैसे तैसे बिजली चालू हुई और एक घंटे के बाद फिर बिजली में फाल्ट बन गया और फिर पूरी रात बिजली बंद रही घरों में इंडिकेटर जुगनू की तरह जलते रहे। रविवार सुबह 11 बजे बिजली चालू हुई। माना जा रहा है कि एक अधिकारी की अफसरी 16 गांव पर भारी पड़ रही है ।

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