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शेयर बाजार के तेज खिलाड़ियों के लिए चेतावनी, सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन

शेयर बाजार के तेज खिलाड़ियों के लिए चेतावनी, सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन

शेयर बाजार के तेज खिलाड़ियों के लिए चेतावनी, सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन, अगर आप शेयर बाजार से मिनटों में लाखों की कमाई करते हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है.क्योंकि आज SEBI की बैठक में इंडेक्स ऑप्शंस की ओपन इंटरेस्ट लिमिट और डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी डेट फिक्स हो सकती है. सेबी ने फरवरी 2025 की कंसल्टेशन पेपर में कुछ लिमिट्स का सुझाव दिया था.

शेयर बाजार के तेज खिलाड़ियों के लिए चेतावनी, सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन

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Equity Derivatives और Futures & Options (F&O) में अगले बदलावों को अंतिम रूप देने के लिए SEBI की आज बैठक होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय पूंजी बाजार नियामक SEBI आज मार्केट से जुड़े दो अहम फैसले ले सकती है. अगर आप शेयर बाजार से मिनटों में लाखों की कमाई करते हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है.

आज की बैठक में इंडेक्स ऑप्शंस की ओपन इंटरेस्ट लिमिट और डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी डेट फिक्स करना है. इन प्रस्तावों पर सेबी की सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी चर्चा करेगी. जिसमें एक्सचेंज, ब्रोकर्स, इंडस्ट्री बॉडी, डिपॉजिटरी के साथ सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल है. ये मामला पहला इंडेक्स ऑप्शन लिमिट का है. सेबी ने फरवरी 2025 की कंसल्टेशन पेपर में कुछ लिमिट्स का सुझाव दिया था.

फाइनेंशियल पेनल्टी का खतरा बढ़ता है
इसमें इंट्राडे नेट लिमिट – 1,000 करोड़ रुपए, इंट्राडे ग्रॉस लिमिट ₹2,500 करोड़, एंड ऑफ डे (EoD) नेट लिमिट: ₹500 करोड़ है, EoD ग्रॉस लिमिट: ₹1,500 करोड़ है. लेकिन मार्केट के हिस्सेदार इसमें खासकर हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडर्स और FPIs इससे ज्यादा लिमिट की मांग कर रहे हैं, जो 5 हजार करोड़ रुपए से लेकर 15 हजार करोड़ रुपए तक है. इसपर उनका तर्क है कि अधिकतम लिमिट कम होने पर फाइनेंशियल पेनल्टी का खतरा बढ़ता है.

लेकिन इसपर सेबी को चिंता है कि कुछ संस्थाएं नेट पोजिशन जीरो रखती है, लेकिन डेल्टा रिस्क बहुत अधिक होता है. जिसके कारण सिस्टम में खतरा बढ़ जाता है. इस बैठक में आज एक्सपायरी डे फिक्स करने के प्रस्ताव पर मोहर लग जाएगी. इसपर सेबी का प्रस्ताव है कि किसी भी एक्सचेंज में सभी इक्विटी डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी सिर्फ मंगलवार या फिर गुरुवार ही हो.

फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग, विदेशी निवेशक, एक्सचेंजों पर पड़ेगा सीधा असर
हर एक्सचेंज को एक ही दिन अपना बेंचमार्क इंडेक्स ऑप्शन रखने की अनुमति होगी. इसमें सेबी के मुताबिक, इससे ट्रेडिंग में क्लस्टर रिस्क घट जाएगा और मार्केट में स्पेसिंग बढ़ जाएगी. लेकिन कुछ लोग यही चाहते हैं कि एक्सपायरी की फ्रीक्वेंसी ही तीन दिन की जाए. इसका असर हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग, विदेशी निवेशक, एक्सचेंजों की रणनीतियों पर सीधा असर पड़ेगा

शेयर बाजार के तेज खिलाड़ियों के लिए चेतावनी, सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन

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