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पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी- विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार

पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी- विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार

पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी- विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार! जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इनके नाम का एलान किया। उन्होंने बताया कि विपक्ष ने एकमत होकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति जताई है। इससे पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला लेने और उसकी घोषणा करने के लिए 10 राजाजी मार्ग पर बैठक की थी। बैठक के बाद विपक्ष ने उनके नाम का एलान किया। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है। वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम कर चुके हैं। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। वे एक गरीब हितैषी व्यक्ति हैं। यदि आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान व मौलिक अधिकारों की रक्षा की।’

कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी (बीए, एलएलबी) का जन्म 8 जुलाई, 1946 को हुआ था। 27 दिसंबर, 1971 को वे हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिट और सिविल मामलों में अभ्यास किया। उन्होंने 1988-90 के दौरान हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया। उन्होंने 1990 के दौरान छह महीने की अवधि के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के रूप में काम किया। उन्हें 2 मई, 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें 2005 में गौहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 2007 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। वे 2011 में सेवानिवृत्त हुए।

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