परिवार द्वारा आत्महत्या: मिला सुसाइड नोट- संपत्ति का ब्यौरा, किसे क्या देना है इसका उल्लेख, तेरहवी तक किन रुपयों से की जाए इसकी भी जानकारी लिखी

बीना खुरई। परिवार की सामूहिक आत्महत्या की घटना से गांव सहित पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसे बेटे या बेटी द्वारा लिखा हुआ माना जा रहा है। इसमें संपत्ति का ब्यौरा और किसे क्या देना है इसका उल्लेख है। वहीं तेरहवी तक किन रुपयों से की जाए इसकी जानकारी भी सुसाइड नोट में दर्ज है
खेत पर बने मकान में रहने वाले मनोहर लोधी (42) ने अपनी मां फूलरानी लोधी (70), बेटी शिवानी (18) और बेटे अनिकेत (16) के साथ पानी में मिलाकर जहरीला पदार्थ पी लिया।
पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसे बेटे या बेटी द्वारा लिखा हुआ माना जा रहा है। इसमें संपत्ति का ब्यौरा और किसे क्या देना है इसका उल्लेख है। वहीं तेरहवी तक किन रुपयों से की जाए इसकी जानकारी भी सुसाइड नोट में दर्ज है। मां को संपत्ति में से कुछ नहीं दिए जाने वाली बात से कहा जा सकता है कि आत्महत्या करने के पीछे पारिवारिक कलह ही मुख्य वजह रही होगी।
मायके चली गई थी महिला
मनोहर लोधी की पत्नी द्रौपदी लोधी कुछ दिन पहले अपने मायके डोमा-केसली चली गई थी। घटना से पहले की रात मनोहर की फोन पर अपनी पत्नी से तीखी बहस हुई थी। इसके कुछ ही घंटों बाद परिवार ने मिलकर सामूहिक रूप से जहर खा लिया।
बताया गया कि मनोहर और द्रौपदी के बीच आए दिन झगड़े होते थे। कुछ दिनों से मनोहर गहरे अवसाद में था। जिससे बच्चे भी मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। यही कारण रहा कि घटना के समय बेटी और बेटे ने भी पिता के साथ ज़हर खा लिया।
ग्लास में पानी के साथ मिलाया सल्फास
घटना रात के समय हुई, जब चारों ने मिलकर सल्फास की गोलियां पानी में घोलकर पी लिया। जहरीले पदार्थ के असर से थोड़ी ही देर में उल्टियां शुरू हो गईं। मकान के निचले हिस्से में रहने वाले मनोहर के भाई जगदीश लोधी को जब ऊपर से हलचल और आवाजें सुनाई दीं तो वह दौड़ते हुए ऊपर पहुंचे। वहां उन्होंने सभी को तड़पते हुए देखा और तुरंत अन्य स्वजनों और ग्रामीणों को सूचना दी।
बुजुर्ग मां फूलरानी और बेटे अनिकेत की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मनोहर और बेटी शिवानी को गंभीर हालत में खुरई अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान शिवानी की मौत अस्पताल में ही हो गई, जबकि मनोहर ने इलाज के लिए सागर ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया।
पहले ही हो चुका था बंटवारा
मनोहर चार भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई गोविंद, जगदीश, नंदराम और मनोहर – सभी का करीब 10 साल पहले आपसी बंटवारा हो चुका था। हर भाई अलग-अलग मकानों में रहता था। मनोहर अपनी 4 एकड़ जमीन पर खेत में ही मकान बनाकर मां और बच्चों के साथ रहता था। पत्नी से दूरी और घरेलू तनाव के कारण वह गांव की आबादी से भी थोड़ा अलग-थलग था।
- पुलिस को मिला सुसाइड नोट जिसे मृतक के बेटे अनिकेत या बेटी शिवानी की लिखावट होना बताया जा रहा है। जिसमें घर की चल-अचल संपत्ति का विवरण है। चौंकाने वाली बात यह है कि नोट में मां द्रौपदी को कोई भी हिस्सा नहीं देने की बात लिखी गई है।
यह लिखा सुसाइड नोट में
हमारी मां का किसी भी संपत्ति पर कोई हक नहीं रहेगा। 3 भैंसें हैं, जो एक-एक बुआ और चाचा को दी जाएं। भैंस की पड़िया (बछिया) बड़े पापा को सौंपी जाए। पूजा के बर्तन और सामग्री गांव के पंडित जी को दी जाए। पापा (मनोहर) के फोन-पे एकाउंट में 68,000 रुपये हैं, वो बड़े पापा को दिए जाएं। दादी के 4 जेवर चारों बुआओं को बराबर बांटे जाएं। हमारी जमीन चाचा जगदीश के नाम की जाए।
गोदरेज की अलमारी में 1.20 लाख रखे हैं, जो तेरहवीं में खर्च किए जाएं। मामा से 2 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जिसे पापा ने 2.40 लाख चुका दिया है। हमारे ऊपर किसी की कोई देनदारी नहीं है। सुसाइड नोट में आत्महत्या के कारण का स्पष्ट उल्लेख नहीं है और न ही किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन मां को कुछ न देने वाली बात से स्पष्ट होता है कि मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा जिससे आहत होकर बच्चों ने यह लिखा है।
पुलिस कर रही जांच
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। बुधवार दोपहर 12 बजे एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सचिन परते और थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का सघन निरीक्षण किया और आवश्यक बयान दर्ज किए। सुसाइड नोट जब्त कर लिया गया है और पुलिस अब इसकी हैंडराइटिंग जांच सहित अन्य पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है।