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‘Crazy Trump’ पिता की मौत से नहीं हुआ सब खत्म, अमेरिका को करना होगा सामना

दुबई। ईरान समर्थित कुर्द बल के मारे गए प्रमुख मेजर जनरल की बेटी ने सोमवार को तेहरान में उनके अंतिम संस्कार के दौरान एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी इज़राइल को उनके पिता की मौत के लिए ‘काले दिन’ का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर जनरल कासिम सुलेमानी पर हवाई हमला कराया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।

जेनब सुलेमानी ने राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक कार्यक्रम में कहा, ‘सनकी ट्रंप(ष्टह्म्ड्ड54 ञ्जह्म्ह्वद्वश्च), ऐसा मत सोचो कि मेरे पिता की मृत्यु के साथ सब कुछ खत्म हो गया है।’ जेनब सुलेमानी ने इससे पहले भी ट्रंप को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके पिता की मौत उन्हें तोड़ नहीं पाई।…और अमेरिका को यह जान ले कि उनका खून बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि वह जानती हैं कि हिजबुल्ला नेता हसन नस्त्रल्लाह उनके पिता की मौत का बदला लेंगे।

जेनब ने लेबनान के ‘अल-मनार टीवी’ को बताया था कि ‘घटिया’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता। रविवार को प्रसारित संक्षिप्त साक्षात्कार में जेनब सुलेमानी ने कहा कि ट्रंप को हिम्मत नहीं है, क्योंकि उनके पिता को एक फासले से मिसाइल से निशाना बनाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति को उनके सामने खड़ा होना चाहिए था।

ईरान में मेजर जनरल सुलेमानी का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई द्वारा शोक सभा का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति हसन रूहानी सहित अधिकारी गण भी मौजूद रहे। राज्य टेलीविजन की माने तो सुलेमानी के अंतिम संस्कार में एक बड़ी भीड़ जुटी।

मिडिल ईस्‍ट में तनाव

ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर और देश के दूसरे सबसे बड़े ताकतवर व्‍यक्ति कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद मिडिल ईस्‍ट में तनाव साफतौर पर महसूस किया जा रहा है। अमेरिका की इस कार्रवाई से अब इराक भी कहीं न कहीं सहमा हुआ है। उसको भी लगने लगा है कि बिना उसकी इजाजत के अमेरिका द्वारा की गई ये कार्रवाई पूरे देश और पूरे क्षेत्र को खतरे में डाल सकती है।

यही वजह थी कि कासिम की मौत के बाद बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में इराक के आउटगोइंग पीएम अबदुल मेहदी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश में मौजूद विदेशी सेना को बाहर करने का प्रस्‍ताव सदन में रखा जाए।

वहीं, उन्होंने सुलेमानी की मौत को राजनीतिक हत्‍या करार देते हुए कहा कि अमेरिकी फौज को इराक में किसी भी तरह का मिलिट्री एक्शन लेने का अधिकार नहीं है। यहां पर विदेशी फौज इराक को सुरक्षा देने के लिए रखी गई थी न कि उन्हें असुरक्षित करने के लिए। इराक की मदद के नाम पर अमेरिका द्वारा कासिम और मुहेदी की हत्या को इराक किसी भी सूरत से कुबूल नहीं कर सकता है।

कठोर प्रतिबंध लगाएंगे

हालांकि, इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे लेकर भड़क उठे हैं। ट्रंप ने रविवार को धमकी देते हुए कहा है कि अगर इराक ने अमेरिकी सेना को वापस जाने के लिए बाध्‍य किया तो हम उसपर कठोर प्रतिबंध लगाएंगे।

बता दें कि अमेरिका द्वारा बगदाद एयरपोर्ट पर एक एयर स्‍ट्राइक की गई, जिसमें सुलेमानी की मौत हो गई। बीते दिनों ईरानी मिलिशियन के समर्थकों ने बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला बोल दिया था। प्रदर्शनकारी परिसर में घुस गए थे और दूतावास के गेट और खिड़कियों को तोड़ दिया था। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के गेट पर आग लगा दी थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैसे के गोले छोड़ने पड़े थे। बताया जाता है कि प्रदर्शनकारी पूर्व में हुए अमेरिकी एयर स्‍ट्राइक से नाराज थे जिसमें 25 कुर्द लड़कों की मौत हो गई थी।

अमेरिका की एयर स्ट्राइक

सुलेमानी का काफिला बगदाद एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था तभी एक रॉकेट हमले की जद में आ गया। हमले में ईरान अबू महदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि हमले में कुल आठ लोगों की मौत हुई। सुलेमानी पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने के प्रमुख रणनीतिकार थे। सुलेमानी पर इजरायल में भी रॉकेट हमलों को अंजाम देने का आरोप था। व्‍हाइट हाउस का कहना था कि जनरल सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर हमले की योजना बना रहा था।

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