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CG Election 2023: नड्डा की नई टीम में छत्‍तीसगढ़ से रमन, सरोज और लता शामिल, जानिए इसके राजनीतिक मायने

CG Election 2023: नड्डा की नई टीम में छत्‍तीसगढ़ से रमन, सरोज और लता शामिल, जानिए इसके राजनीतिक मायने  छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी और हारी हुई लोकसभा सीटों को पाने के लिए भाजपा संगठन ने ताकत झोंक दी है। भाजपा ने राष्ट्रीय टीम में 13 उपाध्यक्ष बनाए इनमें छत्तीसगढ़ से तीन पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय और रमन सरकार में मंत्री रहीं लता उसेंडी को शामिल किया है। इन नेताओं को राष्ट्रीय टीम में लेकर भाजपा ने चुनावी समीकरण साधने की कोशिश की है। रमन और सरोज दुर्ग संभाग से आते हैं। लता बस्तर संभाग से हैं।

भाजपा के 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में छत्तीसगढ़ से तीन को मिली जिम्मेदारी

इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष बनाए गए नारायण चंदेल बिलासपुर संभाग से आते हैं। सरगुजा संभाग से सांसद रेणुका सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। ऐसा करके भाजपा ने चार बड़े संभाग को साधने की कोशिश की है। रायपुर संभाग को आगामी कमेटियों में शामिल कराने की तैयारी है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 300 से ज्यादा सीट पर जीत का लक्ष्य रखा है। अभी प्रदेश की 11 लोकसभा सीट में से नौ पर भाजपा के सांसद हैं। बस्तर और काेरबा में कांग्रेस के सांसद हैं। इसी तरह विधानसभा में कांग्रेस के 71 और भाजपा के 13 विधायक हैं।

 

दुर्ग संभाग में रमन और सरोज

वर्तमान राजनीतिक समीकरण में दुर्ग और राजनांदगांव लोकसभा सीट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रभाव के चलते चुनौती वाली है। दुर्ग संभाग से भूपेश सरकार में चार-चार मंत्री है, जो जातिगत समीकरण के आधार पर चुनावी लाभ देने वाले हैं। यहां साहू समाज से ताम्रध्वज साहू, अल्पसंख्यक समुदाय से मोहम्मद अकबर और एससी वर्ग से गुरु रुद्र मंत्री प्रभावी भूमिका में हैं।

भाजपा में राजनांदगांव क्षेत्र से डा. रमन सिवाय कोई अन्य नेता नहीं था, जो संभाग में पूरी तरह दखल रखता हो। ऐसे में सरोज का कद बढ़ाकर इस संभाग के समीकरण को साधने की कोशिश की है। सरोज राज्यसभा सदस्य हैं। इसके पहले वह दुर्ग में महापौर रहते हुए वैशाली नगर से विधायक का चुनाव जीतीं थीं और फिर दुर्ग से सांसद के रूप में निर्वाचित हुईं थीं। भाजपा राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

बस्तर से लता को उपाध्यक्ष बनाने के मायने

लता उसेंडी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर केंद्रीय संगठन ने बस्तर को बड़ा संदेश दिया है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बस्तर क्षेत्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन को देखते हुए लता को आगे किया गया है। बस्तर की 12 सीट कांग्रेस के पास है और बस्तर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस के सांसद हैं। अभी कांग्रेस ने बस्तर के सांसद दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भी कमान दी है। जबकि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को भूपेश के मंत्रीमंडल में जगह मिली है। इन चुनौतियों के मद्देनजर भाजपा ने बस्तर में अपनी स्थिति को मजबूत करने को लता पर भरोसा किया।

25 साल बाद भाजपा के हाथ से निकल गई बस्तर सीट

बस्तर में 1998 के बाद से 2019 तक भाजपा के सांसद थे। 1998 में बलीराम कश्यप पहली बार सांसद चुने गए और चार बार बस्तर का प्रतिनिधित्व किया। बलीराम की मौत के बाद हुए उपचुनाव में उनके बेटे दिनेश कश्यप को जीत मिली। दिनेश 2014 में भी सांसद चुने गए, लेकिन 2019 के चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था।

सरगुजा को साधने की कोशिश

पीएम मोदी ने सरगुजा से रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल कर तीन संदेश दिए हैं। पहला नए चेहरों को चुनाव लड़ने का मौका, महिला सांसद को कैबिनेट में शामिल करना और तीसरा सरगुजा के लोगों के लिए यह संदेश कि उनका ध्यान कांग्रेस पार्टी भले ही न रखे, लेकिन भाजपा ने इस बात का पूरा ख्याल किया है।

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