जिले को 636 मीट्रिक टन डीएपी और अमोनियम फास्फेट सल्फेट खाद और मिली,झुकेही रैक प्वाइंट से परिवहन कर लाई जा रही उर्वरक
जिले को 636 मीट्रिक टन डीएपी और अमोनियम फास्फेट सल्फेट खाद और मिली,झुकेही रैक प्वाइंट से परिवहन कर लाई जा रही उर्वर
कलेक्टर श्री यादव प्रतिदिन स्वयं कर रहे किसानों को खाद प्रदाय व्यवस्था की समीक्षा,जिले में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता
कटनी। इधर कई दिनों से जिले में लगातार खाद की रैक आने की वजह से पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की उपलब्धता हो गई है। बीते गुरुवार को भी झुकेही में आई रैक से जिले को 636 मीट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हुई है। जिसमें 345 मीट्रिक टन डी ए पी और 291 मीट्रिक टन अमोनियम फास्फेट सल्फेट 20:20: 0:13 शामिल हैं।
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने बीते दिनों जिले में जारी खेती -किसानी के कार्यों और बोनी के मद्देनजर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से जिले में किसान हित में सतत खाद्य आपूर्ति कराने का आग्रह किया था। ताकि हर किसान को उसकी जरूरत के मुताबिक खाद मिल सके। इसके बाद से अब तक पिछले 4-5 दिनों में कटनी जिले को सभी प्रकार के उर्वरकों को मिला कर रिकॉर्ड 3 हजार मीट्रिक टन के करीब खाद प्राप्त हुई। आगे अभी और भी खाद की खेप जिले को मिलेगी। किसानों को खाद -बीज सहजता से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके कलेक्टर श्री यादव प्रतिदिन स्वयं इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
जिले के लिए आई रैक से 345 मीट्रिक टन डीएपी और 291 मीट्रिक टन अमोनियम फास्फेट सल्फेट 20:20:0:13 की प्राप्त हुई है।जिसे झुकेही रैक प्वाइंट से परिवहन कर लाया जा रहा है।
उर्वरक यहां होगा आवंटित
जिला विपणन अधिकारी अमित तिवारी ने बताया कि डबल लॉक केंद्र कटनी को 215 मीट्रिक टन डीएपी और डबल लॉक केंद्र बहोरीबंद को 100 मीट्रिक टन तथा एम पी एग्रो को 30 मीट्रिक टन डी ए पी आवंटित की जायेगी। वहीं अमोनियम फास्फेट सल्फेट की 101 मीट्रिक टन डबल लॉक केंद्र कटनी को,100 मीट्रिक टन डबल लॉक केंद्र बहोरीबंद को और विपणन सहकारी समिति कटनी, विपणन सहकारी समिति उमरियापान ढीमरखेड़ा व एम पी एग्रो को क्रमशः 30-30 मीट्रिक टन अमोनियम फास्फेट सल्फेट 20:20:0:13 आवंटित होगी।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अमोनियम फास्फेट सल्फेट उर्वरक में डीएपी के समान ही 48 फीसदी फास्फोरस है , इसलिए किसान भाई डीएपी के विकल्प के रूप में इसका प्रयोग कर सकते हैं। जिले में सभी प्रकार की उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता हो गई है। सभी किसान भाईयों को उनकी मांग के अनुरूप खाद मिल रही है।