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2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा

2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा

2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा। महाराष्ट्र हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम ब्लास्ट मामले में सभी 11 आरोपियों को बरी कर दिया है। धमाकों में 189 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे।

2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा

ट्रायल कोर्ट ने सभी को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन सबूतों के अभाव में अब हाई कोर्ट ने फैसला बदल दिया। मुंबई पुलिस और एटीएस ने हमलों के लिए सिमी, लश्कर और पाकिस्तान के संगठनों को जिम्मेदार बताते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।

एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। शेष 11 को अब हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। यह मौजूदा महाराष्ट्र सरकार के लिए बड़ा झटका है। हालांकि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

मुंबई पुलिस की जांच पर उठे गंभीर सवाल

  • न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने आदेश का मुख्य अंश पढ़कर सुनाया, जिसमें अभियोजन पक्ष की केस से जुड़ी गंभीर खामियों की ओर इशारा किया। अदालत ने कहा कि मुख्य गवाह अविश्वसनीय थे, पहचान परेड संदिग्ध थी और यातना देकर इकबालिया बयान लिए गए थे।

 

  • पीठ ने कहा, बचाव पक्ष ने पहचान परेड के परीक्षण पर गंभीर सवाल उठाए थे। कई गवाह असामान्य रूप से लंबे समय तक, कुछ तो चार साल से भी ज्यादा समय तक, चुप रहे और फिर अचानक आरोपी की पहचान कर ली। यह असामान्य है।
    2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा
    2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट: HC ने सभी 11 आरोपियों को बरी किया-189 की मौत का सच अब भी अनसुलझा
  • सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि एक गवाह ने घाटकोपर विस्फोट सहित कई मामलों में गवाही दी थी, जिससे उसकी गवाही अविश्वसनीय हो गई। कई अन्य गवाह यह बताने में नाकाम रहे कि वे वर्षों बाद अचानक आरोपी को कैसे याद कर पाए और उसकी पहचान कैसे कर पाए।

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