katniLatest

हरेमाधव दरबार साहिब में मनाया गया 10वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

कटनी। 1 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर परम श्रद्धेय सतगुरु सांई ईश्वरशाह साहिब जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से हरेमाधव परमार्थ सत्संग समिति माधव नगर सहित देश की अनेक हरेमाधव परमार्थ सत्संग ने 10 वां अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर का आयोजन अपने अपने शहरों में किया।

कटनी माधवनगर के हरेनारायण भवन में हरेमाधव भजन योग प्रातः 6:30 से 8:00 बजे तक आयोजित किया गया। भजन के अर्थ भाव में डूबना और योग का अर्थ है जुड़ना,नाम भक्ति से उस परमपिता परमात्मा से जुड़ना। दिन की शुरुआत में भजन योग से करें तो दिन श्रेष्ठता की ओर अग्रसर होता है जीवन निरोगी, स्वस्थ, प्रफुल्लित, उत्साह से भरा रहता है, भजन योग हमें तरोताजा कर उत्साह से भरता है, जीवन उत्सवमय आनंददायी होता है ।

योग हमें जोड़ता है वह परम तत्व से मिलने के लिए मानव जन्म मिला है। योग हमारे भारत की प्राचीन धरोहर है, योग भारत की समृद्ध विरासत है,

योगाभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है आदमी निरोगी रहता है, योग ने भारत को सम्मान दिया है,
योगाभ्यास को अपने दिनचर्या में शामिल करें तो स्वस्थ एवं आनंदमय जीवन जी सकते हैं , इसीलिए योग युक्त रहें रोग मुक्त रहें, योग से सकारात्मक ऊर्जा निरोगी काया प्राप्त कर कर्म कौशल को प्राप्त कर सकते हैं।
योग से मानव परिश्रमी पुरुषार्थी बनता हैं, मनुष्य शरीर का सर्वांगीण विकास योगाभ्यास से ही सम्भव है, योगाभ्यास से जीवन जीने की निरोगी कला प्राप्त कर सकते हैं।

योग का एक मात्र धर्म निरोगता हैं । हरेमाधव प्रभु परमात्मा ने हमारी आत्मा को पूर्ण समर्थ बनाया है, मानव देही प्रदान कर जो उपकार किया है हम उसका लाभ उठाएँगे, भजन सिमरन-ध्यान कर अपने निजरूप को प्राप्त करें पर हमारी जीवन शैली सात्विकता से दूर होने के कारण तन-मन-आत्मा की शक्ति क्षीण होती जाती है हरेमाधव भजन योग के द्वारा हम उस शक्ति को पुनः उत्पादित कर परमत्व से जुड़ सकते हैं। हरेमाधव भजन योगा नित्य कर निष्काम भक्ति करते हुए प्रभु द्वारा प्रदत्त विशालता, भव्यता, देवत्व को प्राप्त कर सकते हैं।

हरेमाधव भजन योग की शुरुआत हरेमाधव सद् ग्रंथवाणी अरदास मेरे सतगुरां हम शरण तेरी आए… से हुई तत्पश्चात् प्राणायाम, योगाभ्यास, नमन् वंदन, करताल (ताली बजाना) मुस्कुराहट बिखेरते हुए, भजनों पर नृत्य करते हुए योगाभ्यास, हरेमाधव भजन धुनि के साथ धन्य हुआ तत्पश्चात् पौष्टिक अंकुरित अनाज फल एवं फलों सब्जियों का जूस प्रसाद रूप में समर्पित किया गया। निरोगता केवल शरीर की स्वस्थता का विषय नहीं है, वास्तविक अर्थों में निरोगता तन, मन और आत्मा की स्वस्थता है जब शरीर से योग अभ्यास और व्यायाम करते हुए हम अपने मन को प्रभु सतगुरु जी की याद में, भजनों और प्रार्थनाओं में भीगते हैं तब तन के साथ मन आत्मा में भी स्फूर्ति व सात्विक ऊर्जा से भरपूर लगता है।
आइए इस विश्व योग दिवस पर हम सभी हरेमाधव भजन योग की रीत अपना कर अपने तन-मन और आत्मा को निरोग बनाने की ओर एक कदम बढ़ाएंगे हरेमाधव भजन योग द्वारा मन शरीर में सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं और हरेमाधव प्रभु द्वारा बख्शी अपनी इस देही और आत्मा की अनन्त ता को अनुभव करेंगे।

विश्व योग दिवस पर हरिराया सतगुरु सांईं ईश्वरशाह साहिब जी के आशीर्वाद व मार्गदर्शन से हरेमाधव परमार्थ सत्संग समिति, माधव नगर, कटनी (म.प्र.) के तत्वाधान में विभिन्न नगरों में हरेमाधव भजन योग का आयोजन किया गया एवं नियमित प्रतिदिन हरेमाधव भजन योगा की सेवाएं हो रही हैं जिसका लाभ सैकड़ों प्राप्त कर रहे हैं ।
हरेमाधव जी

Back to top button