katni

साहित्य के प्रति रुचि जाग्रत करने का स्तुत्य कार्य कटनी पुस्तक मेला

कटनी। साहित्य से समाज का निर्माण ही नहीं सुनिर्माण  भी होता है। हमारे देश के साहित्य पर कोई भी आक्रमण करे पर वह परास्त ही होगा। नालन्दा का इतिहास हो या फिर वेदों की परीक्षा हमारे साहित्य ने न सिर्फ देश वरन वैश्विक क्षितिज पर अपना जो स्थान बनाया वह इस देश को विश्वगुरु का दर्जा प्रदान करता है। साहित्य से समाज के निर्माण और नई पीढ़ी के लिए साहित्य के प्रति रुचि जाग्रत करने का स्तुत्य कार्य कटनी पुस्तक मेला समिति कर रही है जो निसन्देह वंदनीय औऱ प्रशंसनीय है। यह विचार आज साधूराम स्कूल में 8 वेंं कटनी पुस्तक मेले एवं साहित्य मेले के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में रानी दुर्गावती विवि जबलपुर के कुलपति डॉ कपिल देव मिश्रा ने मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किये।

IMG 20171226 WA0290

सतयुग से कलयुग तक साहित्य के महत्व को बताते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि समय और भौतिकता बदलाव की प्रक्रिया है, लेकिन एक साहित्य ही है जिसमें बदलाव नहीं हो सकता। आज भी रात्रि में किसी किताब का एक पैरा पढ़ने पर सुखद नींद आती है, तो सुबह व्यक्ति अखबार के लिए बेचैन होता है।

IMG 20171226 WA0284

अब तो जानकारियां भी प्रायोजित होंगी
मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय ने कहा कि
किताबों की दुनियां सिमट गई है। जिस पढ़ने की चीज़ कोे कभी हम बाहें फैलाकर स्वीकार करते थे, वो अब अंगूठों पर सिमट गई। लोग गूगल और विकिपीडिया देखने लगे हैं। वो दिन आएगा जब मल्टीनेशनल कंपनियां जो जानकारी देंगी वही हमे मिलेगी। जो गूगल चाहेगा, वही हम जान पाएंगे। इन खतरों से निपटने का सबसे अच्छा माध्यम पुस्तके हैं।

IMG 20171226 WA0285

पुस्तक मेले के शासकीय आयोजन रस्म अदायगी मात्र
समारोह को सम्बोधित करते हुए रायपुर कुशाभाऊ ठाकरे विवि के कुलसचिव अतुल तिवारी ने कहा कि आज इस जैसे पुस्तक मेले की आवश्यकता है, क्योंकि सरकारी आयोजन तो रस्म अदायगी मात्र होते हैं । साहित्य के समग्र उतथान के लिये इस तरह के पुस्तक मेला बेहद जरूरी हैं।

IMG 20171226 WA0292

समग्र ज्ञान सिर्फ पुस्तकों से
विशिष्ट अतिथि राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त प्रचारक शशि दीदी ने कहा कि पुस्तकों की प्रासंगिकता सदैव कायम रहेगी। आज हम गूगल में चाहे जो ढूँढ़ लें किन्तु जितना सर्च करेंगे सिर्फ उतना ही आएगा दूसरी तरफ पुस्तक हमें उस ज्ञान को भी देती है जिससे हम अनजान हैं।  पुस्तक मेले के संयोजक मुकेश चंदेरिया ने इस पुस्तक मेले की महत्ता बताई। जबकि आयोजन समिति के मनोज आनंद ने पुस्तक मेले के सभी 4 दिवसों के कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ उद्योगपति किशोर बगड़िया ने की।

स्वस्तिवाचन के साथ माँ वीणापाणी की आराधना
भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ पुस्तक मेले का विधिवत शुभारंभ हुआ। यहां गायत्री परिवार के सदस्यों नेे स्वस्तिवाचन औऱ गायत्री मंत्र का वाचन किया। अतिथियों का स्वागत समिति के सदस्य डॉ जैनेंद्र द्विवेदी, आशीष सोनी, अभिनंदन सरावगी, शैलेन्द्र गौर, ठाकुर राजेन्द्र सिंह, रमेश गुप्ता, पुनीत नगरिया, लकी चौदहा आदि ने किया।

IMG 20171226 WA0288

स्वागत गीत श्रीमती प्रियंका सोनी, नीतू कनकने, वंदना बगड़िया, सपना सरावगी, अनु श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया।

सौभाग्यशाली कटनी की धरा

मेले परिसर में डॉ हीरालाल स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण भी मंचासीन अथितियों के करकमलों से हुआ। हीरालाल जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकार ठाकुर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि कटनी का सौभाग्य है कि हीरालाल जी जैसे मूर्धन्य साहित्यकार कटनी में जन्मे। हीरालाल जी का पुरातत्व को लेकर पुस्तक का प्रकाशन सन 1915 में लन्दन से किया गया। उन्होंने बताया कि कटनी में करीब 250 साहित्यकार जिनकी विभिन्न विषयों की किताबों का प्रकाशन हुआ।

IMG 20171226 WA0291

यशभारत की सार्थक पहल, सभी ने सराहा
कटनी के साहित्यकारों को साहित्य प्रेमियों विशेष तौर पर आज की पीढ़ी को अवगत कराने की दृष्टि से कटनी के साहित्यकारों के साहित्य का स्टाल लगाया गया जिसमें लगभग 250 रचनाओं का संग्रहण किया गया , यशभारत की इस पहल की सभी अतिथि जनों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यहां अतिथियों को यशभारत परिवार के आशीष सोनी, आशुतोष शुक्ला, विवेक शुक्ला, आशीष रैकवार, उषा पमनानी, कृष्ण कुमार ठाकुर, रोहित सेन ने इस संग्रहन के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि साहित्यकार राजेन्द्र ठाकुर, वरिष्ठ कवि सुरेश सोनी ऋतुराज ने अथक मेहनत कर इस संग्रह की तैयार किया।

बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम
मंच संचालन अरुण सोनी एवं दिलीप त्रिसोलिया ने किया।आभार प्रदर्शन मधुसूदन जी बगड़िया ने किया। बच्चों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ कार्यक्रम का समापन हुुआ।

पुस्तकों के साथ जनपयोगी वस्तुओं के स्टाल लुभा रहे

मेले में 42 स्टाल, बाल साहित्य महोत्सव भी होगा
मेले परिसर में कुल 42 स्टॉल प्रदर्शनी दर्शनार्थ है। पुस्तकों के साथ तमाम जनपयोगी वस्तुओं विशेष तौर पर आयुर्वेदिक औषधियों के स्टाल यहां आकर्षण का केंद्र बने हैं। बुधवार को यहां साहित्य महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर सभी से उपस्थिति का आग्रह पुस्तक मेला समिति ने किया है। अंतिम 2 दिन यहां पहली दफे बाल पुस्तक महोत्सव का आयोजन होगा जिसमें बाल साहित्य पर परिचर्चा एवं अन्य कार्यक्रम किये जायेंगे।

Leave a Reply

Back to top button