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सहायक आयुक्त ने खारिज की जीसीएफ सोसाइटी की पहली जांच रिपोर्ट

जबलपुर। जीसीएफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी के आय व्यय ब्यौरे की अब दूसरी बार जांच की जाएंगी। पहली बार हुई जांच पर सहायक आयुक्त ने अनेक बिन्दुओं पर आपत्ति जताते हुए पहली रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

उन्होंने नये बिन्दु तय करते हुए इसकी नये सिरे से जांच करने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि अपना कार्यकाल पूर्ण कर चुकी प्रबंधकारिणी ने सहकारी समित का जो आय व्यय प्रस्तुत किया गया था। उसमें सदस्यों ने अनेक बिन्दुओं पर आपत्ति उठाते हुए सहकारिता विभाग के सहायक आयुकत तक अपनी शिकायत पहुंचाई थी।

सहायक आयुक्त सहकारिता ने इसमें प्रथम दृष्टया कमी पाते हुए जीसीएफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी की जांच के आदेश दिये थे। करीब 3 हजार सदस्य वाली समिति में प्रत्येक सदस्य के 20 हजार रुपए शेयर राशि के रूप में जमा है। जिसमें सदस्यों को 5 लाख रुपए तक लोन दिया जाता है। इसके साथ ही सहकारी समिति द्वारा गैस एजेंसी का संचालन किया जाता है।

इस प्रकार समिति प्रति वर्ष 40 से 50 करोड़ का टर्न ओवर करती है। पिछली प्रबंधकारिणी का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद इसके चुनाव भी हो चुके हैं। अब भोपाल के निर्देश पर प्रबंधकारिणी के चुनाव की प्रक्रिया चालू है। तब तक के लिए सहकारिता विभाग ने वहां एसपी दहायत को प्रशासक के रूप में समिति के संचालक करने के लिए नियुक्त कर दिया है। चुनाव क ेपूर्व पुरानी प्रबंधकारिणी ने जो हिसाब किताब प्रस्तुत किया है। उसके आडिट में आपत्तियां उठाई गई थी।

जिसके लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जांच अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में किसी विसंगति को उजागर नहीं किया गया। सहायक आयुक्त सहकारिता ने जांच रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कुछ कमियां पाई गईं। जिस पर उन्होंने पुनः जांच के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना है
कमियां क्या क्या हैं अभी स्पष्ट नहीं कहा जा सकताहै। लकिन प्रतिवेदन के अवलोकन में कुछ विसंगतियां नजर आ रही हैं। मैंने पुनः जांच के निर्देश दिये हैं।
श्री प्रजापति
सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग

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