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यहां लोको पायलट ही ट्रेन रोककर खोलता-बंद करता है फाटक, 5 साल से गेटमैन ही नहीं; बड़े हादसे की आशंका

यहां लोको पायलट ही ट्रेन रोककर खोलता-बंद करता है फाटक, 5 साल से गेटमैन ही नहीं; बड़े हादसे की आशंका  बिहार में सीवान रेलवे आजकल आधुनिकीकरण की बात कर रही है। लेकिन सीवान जिले में एक ऐसा रेलवे फाटक भी है जहां पिछले पांच साल से रेलवे के द्वारा बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। दरअसल, यह रेलवे फाटक सीवान जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र के रगड़गंज में मौजूद है। जहां महाराजगंज से मशरख तक ट्रेन जाती है और आती है।

 

जानकारी के मुताबिक, पांच साल हो गए इस महाराजगंज-मशरख मार्ग को चालू हुए, लेकिन अभी तक यहां रेलवे फाटक मैन नहीं रखा गया है। जब ट्रेन का आवागमन होता है तो ट्रेन गेट से कुछ दूर पहले ही रुक जाती है। फिर ट्रेन से लोको पायलट उतरकर फाटक बंद करता है। जब ट्रेन फाटक से गुजर जाती है तो आगे रोककर फिर फाटक बंद करता है। यह दिन में एक बार नहीं बल्कि चार-चार बार आपको देखने को मिल जाएगा। लेकिन रेलवे का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

‘गेटमैन रखने पर रेलवे को होगा नुकसान’

महाराजगंज दरौंदा-मशरख रेलखंड में गेटमैन नहीं होने से लोको पायलट को फाटक खोलना और करना पड़ता है। ऐसा दिन में एक बार नहीं, बल्कि चार-चार बार किया जाता है। इस पूरे मामले पर वाराणसी रेल मंडल के जनसंपर्क पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि महाराजगंज दरौंदा-मशरख के बीच जो ट्रेन आने-जाने का सिस्टम है, वहां एक बार में एक ही ट्रेन जाती है। फिर वही ट्रेन वहां से बनकर खुलती है। यानी एक ही ट्रेन चार बार फेरा लगाती है। इसलिए वहां रेलवे नियम के अनुसार रेलवे फाटक पर गेटमैन नहीं रखा जाता है, क्योंकि उस रूट पर खर्च ज्यादा आता है। उससे रेलवे को नुकसान होगा।

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