
नए युग की खेती: कैमिकल बिना मिट्टी उगाए चावल, कीमत जानकर आप भी बनना चाहेंगे किसान बढ़ती आबादी व घटती कृषि भूमि के चलते अन्न पैदावार में हाइड्रोपोनिक तकनीक नए युग की खेती की शुरुआत है।
इस तकनीक को अपनाते हुए कश्मीर घाटी के कुलगाम के जहूर अहमद रेशी ने अपने घर की छत पर बिना मिट्टी के धान की मुश्क बुडजी किस्म पैदा की है। अपनी असाधारण सुगंध के लिए प्रसिद्ध मुश्क बुडजी चावल 20,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकता है। जहूर अहमद ने इस किस्म को अपने तीन घरों की छत पर सफलतापूर्वक उगाया।
जहूर अहमद ने बताया कि उन्होंने इस परीक्षण को अत्यंत सावधानी से किया और उन्हें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि उन्होंने इसमें 100 प्रतिशत सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने प्रयोग के महत्व और खेती के लिए नए तरीकों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें सीखने और बढ़ने के लिए कृषि में नए क्षितिज तलाशने की जरूरत है।
जहूर कहते हैं कि यह एक मिथक है कि धान को पनपने के लिए जल भराव की आवश्यकता होती है, लेकिन इस तकनीक के माध्यम से हम पूरे कश्मीर में कहीं भी मुश्क बुडजी किस्म की खेती कर सकते हैं। ग्रामीण ही नहीं, शहरी इलाकों में भी लोग इसे छत पर उगा सकते हैं।
शहरी क्षेत्रों में भी छत पर अन्न उगाने की संभावना
जहूर अहमद ने बताया कि यह निर्णय बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण घटती कृषि भूमि को देखते हुए प्रयोग के तौर पर लिया गया। उन्होंने कहा कि हमें हर क्षेत्र में नए तरीके पेश करने होंगे। यह सफलता उन शहरी लोगों के लिए भी प्रेरणा बनेगी जो खेती का शौक रखते हैं लेकिन उनके पास अपनी जमीन नहीं है। इस तकनीक से वह अपने घर की जरूरत के मुताबिक छत पर ही अन्न पैदा कर सकते हैं।
किसी भी रसायन का नहीं किया प्रयोग
रेशी ने बताया कि मिट्टी की सहायता के बिना किसी चीज को उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक कहा जाता है। जीव विज्ञान के कारण ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने केवल पानी की मदद से ही यह धान उगाया है। इसे उगाने में किसी तरह के रसायन का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने अपने साथी किसानों से इसका अनुसरण करने का आग्रह किया। बता दें कि जीआई टैग मिलने के बाद से मुश्क बुडजी किस्म की मांग और मूल्य दोनों ही बढ़े हैं।
क्या है मुश्क बुडजी चावल की खासियत
कश्मीर के मुश्क बुडजी चावल अपनी मनमोहक सुगंध के लिए जाने जाते हैं। मुश्क बुडजी चावल को जीआई टैग भी मिल चुका है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन चावलों की काफी मांग है। इस चावल की कीमत 15 हजार से 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच होती है।