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चित्रकूट में कौन है यह निर्दलीय उम्मीदवार जिसकी चर्चा चारों ओर

चित्रकूट। यहां 9 नवंबर को उपचुनाव है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को धूल चटाने पर आमादा हैं. मगर एक ऐसा निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में है, जिसने दोनों खेमों को ही नहीं बल्कि चित्रकूट के लोगों को भी हैरान कर दिया है.

इस हैरानी की वजह है मार्च 2009 में हुई एक वारदात. उस साल 18 मार्च को मध्य प्रदेश में सतना ज़िले के गांव बिछियन में कुछ ऐसा हुआ कि एक आदिवासी परिवार का नामोनिशान मिट गया.

बिछियन में उस दिन डकैतों ने धावा बोला और एक ही परिवार के 12 लोगों को ज़िंदा जला दिया था. इस परिवार में सिर्फ़ दो लोग बचे थे लल्लू गौड़ और उनकी बेटी प्रभात कुमारी. दोनों घर पर नहीं थे इसलिए बच गए थे. हालांकि सिर्फ़ तीन महीने बाद ही डकैतों ने लल्लू को भी गोली मार दी थी.

प्रभात पूरा परिवार खो चुकी थीं. ऐसे में उनके पिता के एक दोस्त ने उन्हें पाला-पोसा. इस वारदात ने उनके जीवन पर काफ़ी असर डाला था. वह आईएएस बनना चाहती थीं, मगर लल्लू के दोस्त की माली हालत ऐसी नहीं थी कि वह प्रभात को कोचिंग दिला सकते. सरकार ने प्रभात कुमारी के ‘ज़ख्मों’ पर वादों का मरहम लगाया भी. मगर पुनर्वास के तहत घर, पढ़ाई खर्च, मुआवज़ा और नौकरी जैसे आश्वासन सिर्फ़ वादे ही रह गए. एक साल पहले एक मंत्री ने फिर प्रभात को आश्वासन दिया, मगर वो भी दम तोड़ गया.


फिर भी प्रभात के इरादे नहीं डिगे. विपरीत हालात के बावजूद उन्होंने आईएएस बनने का सपना बिखरने नहीं दिया. अब उन्होंने इसका अनोखा रास्ता निकाला. सरकार को उसकी वादाख़िलाफ़ी याद दिलाने के लिए उन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े हथियार की मदद ली. अब उन्होंने चुनावी मैदान का रुख किया है. इसमें उन्हें मध्य प्रदेश काडर की बर्खास्त आईएएस शशि कर्णावत का भी साथ हासिल है. शशि ने प्रभात के चुनाव की कमान संभाल ली है. प्रभात चुनाव में जीत-हार के बारे में बात कम करती हैं. उनका कहना है कि वह अब हक़ मांगेंगी नहीं, बल्कि हक़ छीनने की क्षमता रखती है.

प्रभात आदिवासी समुदाय की हैं और बर्खास्त की गईं अधिकारी शशि भी.  चित्रकूट की राजनीतिक समझ रखने वाले कहते हैं कि विधानसभा क्षेत्र में कोल आदिवासी और गोंड समाज के लगभग 18 हजार मतदाता हैं, जो किसी भी दल का सियासी समीकरण गड़बड़ा सकते हैं. इस नज़र से देखें तो प्रभात कुमारी की चुनाव मैदान में मौजूदगी इसे दिलचस्प बनाती है.

इसी सीट पर भाजपा ने शंकरदयाल त्रिपाठी और कांग्रेस ने नीलांशु चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है. चित्रकूट में कांग्रेस विधायक प्रेमसिंह के निधन के कारण हो रहे इस उपचुनाव के लिए 9 नवंबर को मतदान है और इसके नतीजे 12 नवंबर को मतगणना के बाद आएंगे. सवाल ये है कि क्या प्रभात के उतरने के बाद बने समीकरण चित्रकूट की सियासत बदलने का माद्दा रखते हैं.

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