आत्महत्या रोकने के लिए जानेंगे पुलिसकर्मियों के दिल की बात

मुरैना। सुसाइड मेंटल हेल्थ इश्यू है। इसका विचार एक दिन में किसी के मन में नहीं आता। अगर समय रहते इस मेंटल हेल्थ इश्यू से पीड़ित व्यक्ति की मन की बात जान ली जाए तो ऐसा करने से उसे रोका जा सकता है। हमारे यहां परेड, दरबार आदि कार्यक्रम इसीलिए होते हैं। फिर भी अगर जरूरत पड़ी तो हम कर्मचारियों के दिल की बात जानने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
यह बात पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कही। उनसे पूछा गया था कि पहले मुरैना में एसडीओपी और फिर भिंड में प्रधान आरक्षक ने आत्महत्या की थी। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। श्री शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में जितने लोग एक्सीडेंट में नहीं मरते, उतने आत्महत्या कर लेते हैंं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर साल करीब 10 हजार लोग आत्महत्या करते हैं। श्री शुक्ला ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि धीरे धीरे हर कर्मचारी के मन तक पहुंचे। इसके लिए लाइन परेड होती है। मुख्य परेड होती है, हम लोग दरबार लगाते हैं। उन्होंने कहा कि अब दीपावली आ रही है तो हम कर्मचारियों के लिए इसे माध्यम बनाकर ऐसे कार्यक्रम करेंगे, जिसमें उनके मन की बात को जान सकें। डीजीपी ने कहा कि पहले लोग संयुक्त परिवार में रहते थे तो उनके मन की बात को जानने वाले लोग भी ज्यादा रहते थे, अब परिवार छोटे हो गए हैं। इसलिए लोग जिम्मेदारियों से ही घिरे रहते हैं। डीजीपी श्री शुक्ला दोपहर करीब 11 बजकर 30 मिनट पर पुलिस लाइन पहुंचे। यहां पर उन्होंने आईजी उमेश जोगा, डीआईजी अनिल शर्मा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ पहुंचकर सलामी ली। सब-इंस्पेक्टर केके सिंह के कमांड में डीजी को स्वागत सलामी दी गई।
बैठक में कहा-लोगों का समर्थन जुटाएं
लाइन में सलामी के बाद डीजीपी ने चंबल रेंज के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। करीब 3 घंटे यह बैठक जारी रही। श्री शुक्ला ने बताया कि बैठक में विचार किया गया कि चंबल में नई चुनौतियां हैं, इसलिए पुलिस केा यहां अपनी कार्यप्रणाली में पैनापन लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए हम अपने अफसरों को जनता से जोड़ रहे हैं, ताकि उनके सुझावों पर कार्य हो सके और जनता का समर्थन हमें मिल सके, क्योंकि यह ही हमारी ताकत है। उन्होंने डायल 100 को और आधुनिक बनाने और सीसीटीएनएस का प्रयोग अपराध रोकने में करने की बात कही।
एसएएफ को समझाऊंगा चला सकते हैं गोली
रेत खनन के सवाल पर डीजी श्री शुक्ला ने कहा कि इलीगल माइनिंग रोकना हमारा काम नहीं है, फिर भी इस साल चंबल संभाग में रेत पर जितनी कार्रवाई हुई है, वह 10 सालों में भी नहीं हुई, लेकिन यह कार्रवाई भी काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में रेत बंद है, इसलिए यहां से रेत वहां जा रही है। एसएएफ द्वारा हमलों का सामना न कर पाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वैसे तो एसएएफ वाले इस बात को जानते हैं, लेकिन अगर उन्हें पता नहीं तो मैं समझाऊंगा कि अगर ड्यूटी पर विपरीत परिस्थिति बनती है तो वे फायर कर सकते हैं।
एक में सभी जिले, 3 साल में थानों को साइबर सुविधा
डीजीपी श्री शुक्ला ने आधुनिकीकरण के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश के 61 शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय मार्च 2018 तक सभी जिलों में साइबर से जुड़े सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करा देगी। श्री शुक्ला के मुताबिक 1 साल में हर जिले में ट्रेंड कर्मचारी तैनात होंगे। अगले 3 सालों में प्रदेश के हर थाने में साइबर संबंधी सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि डायल 100 और सीसीटीएनएस मध्यप्रदेश में ही सबसे पहले लागू हुआ था।
महिला थाना नहीं बनाएंगे, थानों में महिला स्टाफ बढ़ाएंगे
डीजीपी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिले में कोई महिला थाना नहीं बनेगा। हम हर थाने में 15 से 20 फीसदी तक महिला स्टाफ तैनात करने पर विचार कर रहे हैं। जिले में एक महिला थाना बनाने से अच्छा हर थाने में महिला पुलिस की तैनाती करना है।