नई दिल्ली/चंडीगढ़। पिछले तीन साल से दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे अरविंद केजरीवाल इन दिनों सबसे बड़े सियासी संकट से गुजर रहे हैं। दरअसल, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल द्वारा मानहानि मामले में अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया से लिखित माफी मांगने के बाद पार्टी में पंजाब से लेकर दिल्ली तक भूचाल आ गया है।
केजरीवाल की माफी से नाराज पंजाब के AAP नेताओं-विधायकों ने बगावती रुख अपना रखा है। इस बाबत रविवार शाम पांच बजे दिल्ली में पंजाब के AAP विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें वह अपनी बात रखेंगे।
वहीं, इस बैठक में पंजाब के AAP विधायक और विपक्ष के नेता सुखपाल खैरा ने आने से ही इन्कार कर दिया है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इसमें पंजाब के कितने AAP विधायक-नेता शामिल होते हैं और कितने बगावत करते हैं? इस बगावत को रोकना अरविंद केजरीवाल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
बता दें कि एक दिन पहले यानी शनिवार को ही पंजाब से पार्टी के तीन AAP विधायकों ने केजरीवाल से मिलकर अपना असंतोष ज़ाहिर किया था, वहीं अरविंद केजरीवाल के क़रीबी माने जाने वाले पंजाब आम आदमी पार्टी के बड़े नेता जरनैल सिंह ने भी अरविंद केजरीवाल के बयान पर नाराज़गी जताई है।
पंजाब में बगावत होने के बाद मामला सुलझाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने सभी विधायकों को पंजाब से दिल्ली तलब किया गया है। AAP के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली आने को कहा है। पार्टी के सभी 20 विधायकों को संदेश भेजकर सिसोदिया ने अपने घर पर रविवार शाम 5 बजे मीटिंग के लिए बुलाया है। बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे।
वहीं, माफी के बाद बगावती रुख अपनाने वाले सुखपाल खैहरा के खेमे के विधायक कवर संधू ने साफ कर दिया है कि वे इस बैठक में शामिल नहीं होंगे और जिन्हें बात करनी है वह खुद चंडीगढ़ आकर बात करें।
वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पंजाब के विधायक एचएस फुल्का भी मान-मनौव्वल में लगे हैं और उनकी कोशिश है कि पंजाब के अधिकतर विधायक बैठक में शामिल हों।