रेलवे बोर्ड की टाइम टेबल कमेटी में नौ ट्रेनों को लेकर फैसले की बारी

इंदौर। रेलवे बोर्ड की टाइम टेबल कमेटी की सालाना बैठक नई दिल्ली में 22 फरवरी से होने जा रही है। इसमें देशभर के शहरों से नई ट्रेनों के संचालन, फेरे बढ़ाने और रूट परिवर्तन समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार होगा।
कमेटी की मुहर के बाद ही रेलवे बोर्ड नई ट्रेन घोषित करेगा और अन्य जरूरी बदलाव करेगा। इसमें इंदौर से संबद्ध नौ प्रस्ताव भी हैं। चार प्रस्ताव इंदौर से नई ट्रेनें शुरू करने को लेकर हैं। इसके अलावा दो ट्रेनों के फेरों में विस्तार, एक ट्रेन के समय में बदलाव और एक ट्रेन के रूट व समय में बदलाव का प्रस्ताव कमेटी के सामने मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
बैठक में हर जोन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं जो नई ट्रेन चलाने, फेरों में वृद्धि या रूट परिवर्तन को लेकर जोन की स्थिति स्पष्ट करते हैं। पहले यह बैठक रेल बजट पेश होने से पहले होती थी लेकिन मोदी सरकार ने नई ट्रेनों की घोषणा समेत अन्य बातें बजट में बताना बंद कर दी हैं। इसलिए कमेटी की बैठक भी देरी से होने लगी है। इंदौर के लिहाज से बैठक महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की ओर से रेल मंत्रालय को कई अहम प्रस्ताव भेजे गए हैं और पूरी उम्मीद है कि ज्यादातर पर कमेटी में सहमति बने।
यह भेजा है प्रस्ताव : नई ट्रेन
1. छोटे रूट से इंदौर-नई दिल्ली ट्रेन
फायदा- इंदौर-नई दिल्ली के बीच नई ट्रेन चलना इसलिए जरूरी है क्योंकि सराय रोहिल्ला इंटरसिटी एक्सप्रेस में सालभर यात्रियों का जबरदस्त दबाव रहता है। मालवा एक्सप्रेस कहने को सुपरफास्ट है लेकिन ज्यादातर वैष्णोदेवी जाने वाले यात्री ही इसका उपयोग करते हैं। मालवा का रूट बहुत लंबा है। दिल्ली के लिए जो अन्य ट्रेनें हैं, वे भी इक्का-दुक्का दिन हैं। स्पीकर की ओर से प्रस्ताव दिया गया है कि नई दिल्ली के लिए नई ट्रेन सप्ताह में दो दिन छोटे रूट से चलाई जाए और उसके स्टॉपेज कम रखे जाएं। इससे यात्रियों को बेहतर विकल्प मिलेगा।
2. इंदौर-रायपुर-बिलासपुर सुपरफास्ट ट्रेन
फायदा- वर्तमान में इंदौर की रायपुर और दुर्ग से सीधी कनेक्टिविटी नहीं है। बिलासपुर के लिए सीधी ट्रेन तो है लेकिन वह बहुत ज्यादा समय लेती है। इंदौर-भोपाल-नागपुर-रायपुर-बिलासपुर ट्रेन से यह कमी पूरी हो जाएगी। दूसरा महत्वपूर्ण फायदा यह होगा कि अभी इंदौर से नागपुर के लिए सप्ताह में दो दिन इंदौर-नागपुर एक्सप्रेस चलती है और एक दिन अहिल्यानगरी ट्रेन है। रायपुर-बिलासपुर ट्रेन चलने से नागपुर के लिए प्रतिदिन रेल सुविधा मिलेगी। दुर्ग-रायपुर तक सीधी रेल सेवा से यात्रियों की बरसों पुरानी मांग पूरी होगी। यह सुविधा प्रतिदिन मिल सकती है।
3. इंदौर-भोपाल इंटरसिटी नॉन स्टॉप एक्सप्रेस
फायदा- इंदौर-भोपाल के बीच प्रतिदिन लगभग 25 हजार यात्रियों की आवाजाही है, लेकिन इसका फायदा रेलवे को नहीं मिल रहा क्योंकि भोपाल जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें उज्जैन होकर जाती हैं। इस ट्रेन को दिन में दो बार नॉन स्टॉप दोनों तरफ से चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह ट्रेन भोपाल से सुबह चलकर इंदौर आएगी, फिर इंदौर से चलकर दोपहर भोपाल पहुंचेगी। कुछ देर बाद दोबारा यह ट्रेन इंदौर के लिए चलेगी और शाम को इंदौर से भोपाल लौट जाएगी। इसका टाइम टेबल एसी डबल डेकर एक्सप्रेस जैसा होगा। शुरुआत में इस ट्रेन को केवल अनारक्षित कोच से चलाने की योजना है। इससे जो यात्री बसों का इस्तेमाल करते हैं, वे कम किराए और कम समय में दोनों शहरों की यात्रा कर सकेंगे।
4. महू-पटना वाया दानापुर नई ट्रेन
फायदा- अभी इंदौर-पटना के बीच सप्ताह में दो दिन ट्रेन चलती है, लेकिन महू से सैन्य अफसरों और सैनिकों के लिए पटना तक आने-जाने के लिए सीधी ट्रेन नहीं है। यह ट्रेन चलेगी तो महू से सैनिकों के अलावा अन्य यात्रियों को भी फायदा होगा और इंदौर-पटना एक्सप्रेस पर ट्रैफिक भार कम होगा। इस ट्रेन को सप्ताह में दो दिन चलाने का आग्रह किया गया है।
फेरे बढ़ाना
1. इंदौर-पटना एक्सप्रेस रोज चलाना- टाइम टेबल कमेटी के सामने इंदौर-पटना ट्रेन को रोज चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इंदौर से चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों का सर्वाधिक दबाव इसी ट्रेन पर है। इससे उत्तर प्रदेश-बिहार जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
2. शिप्रा एक्सप्रेस को रोज चलाना- इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस का संचालन अभी सप्ताह में केवल 3 दिन होता है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण इसे रोज चलाना जरूरी है क्योंकि शहर में बड़ी संख्या में बंगाल के लोग रहते हैं। शिप्रा एक्सप्रेस रोज चलेगी तो इंदौर से विदिशा, सागर और दमोह जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी।
रूट, समय और गंतव्य में बदलाव
1. इंदौर-उदयपुर एक्सप्रेस- यह ट्रेन उदयपुर से तो रात में रवाना होकर सुबह इंदौर पहुंचती है, लेकिन शांति एक्सप्रेस के रैक लिंक के कारण इंदौर से इसका संचालन सुबह होता है और रात में ट्रेन उदयपुर पहुंचती है। इंदौर के यात्रियों के हिसाब से ट्रेन का समय सुविधाजनक नहीं है। लंबे समय से राजस्थान के लोग इंदौर से ट्रेन का समय बदलने की मांग कर रहे हैं।
2. इंदौर-अजमेर-जयपुर ट्रेन वाया फतेहाबाद- वर्तमान में इंदौर-अजमेर-जयपुर ट्रेन रोज शाम उज्जैन जाती है जहां इसके कोच भोपाल-जयपुर एक्सप्रेस में जुड़ते हैं। इंदौर से यह ट्रेन महज 8 कोच से चलती है जिसमें केवल एक थर्ड एसी, तीन स्लीपर, तीन जनरल और एक एसएलआर कोच शामिल हैं। यात्रियों के दबाव के कारण ये कोच बहुत कम हैं। कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है कि भोपाल-जयपुर एक्सप्रेस से इंदौर-जयपुर ट्रेन का लिंक खत्म कर उसे पूरी क्षमता के साथ वाया बड़नगर-फतेहाबाद चलाया जाए।
3. शांति एक्सप्रेस को राजकोट तक चलाना- वर्तमान में शांति एक्सप्रेस इंदौर से गांधी नगर तक जाती है, लेकिन नए प्रस्ताव में इसे गांधी नगर के बजाय राजकोट तक चलाने की बात कही गई है। वैसे भी इस ट्रेन में अहमदाबाद जाने वालों का ज्यादा दबाव है और राजकोट तक चलने से वहां के यात्रियों की इंदौर से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। यदि कमेटी यह प्रस्ताव मानती है तो शांति एक्सप्रेस अहमदाबाद होकर राजकोट तरफ चली जाएगी इसलिए बहुत ज्यादा रूट परिवर्तन भी नहीं करना पड़ेगा।
अगले हफ्ते तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी
रेलवे पैसेंजर एमिनिटीज कमेटी के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी ने बताया कि रेलवे टाइम टेबल कमेटी की बैठक में इंदौर से संबद्ध छोटे-बड़े नौ प्रस्ताव भेजे गए हैं। बैठक 22 से 24 फरवरी तक होगी। संभवतः अगले हफ्ते तक प्रस्तावों पर हुए फैसलों की जानकारी मिल पाएगी।