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अतिथि शिक्षकों की भर्ती में 50% की कटौती-

भोपाल। अतिथि शिक्षकों को तंग करने का सिलसिला इस साल भी जारी है। इस बार 50% उपस्थिति के नाम पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती में 50% की कटौती कर दी गई।

आश्चर्यजनक बात यह है कि विज्ञान, हिंदी और संस्कृत जैसे विषयों के लिए शिक्षकों की भर्ती की ही नहीं जा रही। अधिकारियों का कहना है कि गणित वाला टीचर विज्ञान पढ़ाएगा, और हिंदी संस्कृत तो कोई भी पढ़ा सकता है।

कोई इनसे पूछे ‘सुधाखण्ड’ हिंदी का शब्द है या संस्कृत का। पता चल जाएगा हिंदी और संस्कृत कितनी मुश्किल है।

माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती 2 साल बाद शुरू हो रही है लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर विज्ञान, संस्कृत और हिंदी विषय के पद प्रदर्शित नहीं किए गए। नीति निर्धारित करने वाले अधिकारियों का मानना है कि जब विद्यार्थियों की संख्या 50% रह गई है तो फिर अतिथि शिक्षकों की संख्या भी 50% ही होनी चाहिए।
जहां तक विषयों की बात है तो गणित विषय का शिक्षक छात्रों को कक्षा में विज्ञान का पाठ पढ़ाएगा, तो हिंदी और संस्कृत किसी भी विषय का टीचर पढ़ा सकता है।
पूरे प्रदेश में अजीब सी स्थिति बन गई है जिले के स्कूलों में यह शिक्षक जब अपने आवेदन देने के लिए पहुंचे, तो प्राचार्यों ने उनके आवेदन लेने से मना कर दिया है।
कहते हैं सरकार का खजाना खाली है इसलिए शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही, अतिथि शिक्षकों की भर्ती में भी कटौती कर दी गई है। सनद रहे कि बच्चों को योग्य शिक्षक उपलब्ध कराना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विद्यार्थियों का मौलिक अधिकार है। सरकार किसी भी कारण से बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकती।

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